मोदी सरकार का बड़ा कदम, स्कूलों में अब नहीं चलेगा फर्जीवाड़ा, प्रत्येक जानकारी होगी ऑनलाइन

एचआरडी मंत्रालय ने स्कूलों को लेकर पूरी कवायद उस समय शुरु की है जब स्कूलों की ओर से गलत जानकारी देकर वित्तीय मदद लेने की शिकायतें तेज हुई हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 06 Oct 2019 10:25 PM (IST) Updated:Mon, 07 Oct 2019 12:44 AM (IST)
मोदी सरकार का बड़ा कदम, स्कूलों में अब नहीं चलेगा फर्जीवाड़ा, प्रत्येक जानकारी होगी ऑनलाइन
मोदी सरकार का बड़ा कदम, स्कूलों में अब नहीं चलेगा फर्जीवाड़ा, प्रत्येक जानकारी होगी ऑनलाइन

अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती से लेकर छात्रों की संख्या और इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर होने वाला फर्जीवाड़ा अब पूरी तरह से बंद होगा। स्कूलों से जुड़ी ऐसी प्रत्येक जानकारी ऑनलाइन होगी। साथ ही कौन-सा स्कूल कहां मौजूद है, यह भी जियो टैगिंग के जरिए देखा जा सकेगा। इस पर काम शुरु हो गया है। अगले छह महीनों के भीतर यह सब कुछ ऑनलाइन होगा। खासबात यह है कि इनमें निजी और सरकारी दोनों ही स्कूल शामिल होंगे।

स्कूल गलत जानकारी देकर ले रहे हैं सरकारी वित्तीय मदद

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने फिलहाल स्कूलों को लेकर यह पूरी कवायद उस समय शुरु की है, जब स्कूलों की ओर से गलत जानकारी देकर वित्तीय मदद लेने की शिकायतें तेज हुई हैं। इनमें सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल भी काफी संख्या में हैं। हालांकि इनकी संख्या कुल स्कूलों की संख्या का मात्र पांच फीसद ही हैं। बावजूद इसके मंत्रालय के पास जो रिपोर्ट है, उसके मुताबिक इन स्कूलों के पास न तो इंफ्रास्ट्रक्चर है और न ही पर्याप्त शिक्षक हैं। ऐसी स्थिति बड़ी संख्या में निजी स्कूलों की भी है, जो एक या दो कमरे में संचालित किए जा रहे हैं।

सरकारी स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी

सरकारी स्कूलों को लेकर भी सरकार की स्थिति असहज है, क्योंकि देश में बड़ी संख्या में ऐसे सरकारी स्कूल है, जो एक या दो शिक्षकों के भरोसे ही चल रहे है। उनमें इंफ्रास्ट्रक्चर की भी कमी है। यह स्थिति तब है, जब राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक और छात्रों के बीच का अनुपात काफी बेहतर है। यानि प्रत्येक 23 से 24 छात्र पर एक शिक्षक है।

देश भर के स्कूलों का जीआईएस सर्वे

मानव संसाधन विकास मंत्रालय की स्कूली शिक्षा सचिव रीना रे के मुताबिक स्कूलों से जुड़ी गड़बडि़यों को पूरी तरह से रोकने के लिए वह देश भर के स्कूलों का जीआईएस (जियोग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम) सर्वे करा रही है। इसके तहत प्रत्येक स्कूल का (निजी और सरकारी दोनों) की जियो टैगिंग होगी। जिसके साथ स्कूलों से जुड़ी प्रत्येक जानकारी भी देखी जा सकेगी।

स्कूलों से मांगी जा रही जानकारी का होगा थर्ड पार्टी वेरीफिकेशन

पूरी प्रक्रिया के तहत स्कूलों से ही जानकारी मांगी जा रही है। बाद में इसका थर्ड पार्टी वेरीफिकेशन भी होगा। इसके बाद भी आम लोगों से भी सुझाव लिए जाएंगे। यदि कहीं कोई गड़बड़ी या गलत जानकारी दी गई है, तो शिकायत पर तुरंत इसकी जांच भी होगी।

देश में 15.59 लाख हैं स्कूल

देश में मौजूदा समय में कुल 15.59 लाख स्कूल है। इनमें सिर्फ 2.47 लाख स्कूल शहरी क्षेत्रों में है, जबकि 13.12 लाख स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित है। इनमें भी 70 फीसद से ज्यादा स्कूल सरकारी है। इसके अलावा करीब 5.4 फीसद स्कूल सरकारी सहायता प्राप्त है। जो सरकार की मदद से ही संचालित होती है। 

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