भीमा कोरेगांव मामले में गौतम नवलखा को राहत, कोर्ट ने बढ़ायी अंतरिम सुरक्षा

भीमा कोरेगांव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को गौतम नवलखा की अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी है। पहले यह 15 अक्‍टूबर तक थी जिसे चार हफ्ते और बढ़ा दिया गया है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Tue, 15 Oct 2019 04:52 PM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 05:04 PM (IST)
भीमा कोरेगांव मामले में गौतम नवलखा को राहत, कोर्ट ने बढ़ायी अंतरिम सुरक्षा
भीमा कोरेगांव मामले में गौतम नवलखा को राहत, कोर्ट ने बढ़ायी अंतरिम सुरक्षा

नई दिल्‍ली, एएनआइ। भीमा कोरेगांव मामले (Bhima Koregaon Violence) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को गौतम नवलखा की अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी है। पहले यह 15 अक्‍टूबर तक थी जिसे चार हफ्ते और बढ़ा दिया गया है। इसी बीच उन्‍हें गिरफ्तारी से पहले जमानत अर्जी दाखिल करनी होगी।

गिरफ्तारी से पहले जमानत अर्जी करनी होगी दाखिल

इसी बीच उन्‍हें गिरफ्तारी से पहले जमानत अर्जी दाखिल करनी होगी। जस्टिस अरुण मिश्रा और दीपक गुप्‍ता की बेंच ने नवलखा को कोर्ट में गिरफ्तारी से पहले जमानत की अर्जी दाखिल करने को कहा। जब महाराष्‍ट्र सरकार के वकील ने नवलखा की अंतरिम सुरक्षा बढ़ाने पर आपत्ति जाहिर की तब बेंच ने राज्‍य सरकार से सवाल किया कि एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी उन्‍होंने पूछताछ क्‍यों नहीं की। 

 एक के बाद एक जजों ने कर लिया किनारा 

 बता दें कि गौतम नवलखा मामले को देख रहे जजों ने एक के बाद एक मामले से किनारा कर लिया। पहले चीफ जस्‍टिस रंजन गोगोई ने खुद को अलग किया और फिर दो और जजों ने भी बारी-बारी से किनारा कर लिया। 

महाराष्‍ट्र सरकार का कैविएट दाखिल 

भीमा कोरेगांव व एल्‍गार परिषद मामलों में नवलखा को आरोपी बनाया गया है। उनपर माओवाद से लिंक होने के आरोप हैं। अभी यह मामला पुणे पुलिस के पास है।  नवलखा के पक्ष को कोर्ट के समक्ष रखने का मौका देते हुए महाराष्‍ट्र सरकार ने कैविएट दाखिल की थी।

पूरा मामला जानें 

 2017 में भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के बाद 2018 में गौतम नवलखा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। 13 सितंबर को इस मामले को निरस्‍त करने से कोर्ट ने इंकार कर दिया था। गौतम नवलखा के साथ ही वरवरा राव, अरुण फरेरा, वर्णन गोन्साल्विज और सुधा भारद्वाज भी मामले में आरोपी हैं। पुणे पुलिस ने 31 दिसंबर, 2017 को एल्‍गार परिषद् के बाद 1 दिसंबर को भीमा-कोरेगांव में हुई कथित हिंसा के लिए मामल दर्ज कर लिया था। 

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