मकाऊ बंदरों पर कोवैक्सीन के ट्रायल के मिले चौंकाने वाले नतीजे, प्रतिरोधक क्षमता में दिखी भारी बढ़ोतरी

भारत बायोटेक ने कहा है कि कोरोना के निदान के लिए विकसित की जा रही कोवैक्सीन के जानवरों पर किए जा रहे ट्रायल में बेहतर नतीजे आए हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 13 Sep 2020 06:03 AM (IST) Updated:Sun, 13 Sep 2020 06:03 AM (IST)
मकाऊ बंदरों पर कोवैक्सीन के ट्रायल के मिले चौंकाने वाले नतीजे, प्रतिरोधक क्षमता में दिखी भारी बढ़ोतरी
मकाऊ बंदरों पर कोवैक्सीन के ट्रायल के मिले चौंकाने वाले नतीजे, प्रतिरोधक क्षमता में दिखी भारी बढ़ोतरी

नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत बायोटेक के अनुसार कोरोना के निदान के लिए विकसित की जा रही कोवैक्सीन के जानवरों पर किए जा रहे ट्रायल में बेहतर नतीजे आए हैं। आइसीएमआर और भारत बायोटेक की ओर से विकसित इस वैक्सीन के ट्रायल में मकाऊ बंदरों में प्रतिरोधक क्षमता में भारी वृद्धि देखने को मिली। कोवैक्सीन का टीका लगने के बाद इन बंदरों में न केवल वायरस से लड़ने की क्षमता विकसित हुई बल्कि नाक, गले में वायरस की वृद्धि में काफी कमी देखी गई।

यही नहीं अध्‍ययन में पाया गया है कि किसी भी बंदर में न्यूमोनिया के लक्षण भी विकसित नहीं हुए। बता दें कि कोवैक्सीन का देश के 12 चिकित्सा संस्थानों में ट्रायल चल रहा है। ट्रायल के शुरुआती चरणों में इसके बहुत अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं। इस बीच आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका के संयुक्त प्रयास से विकसित वैक्सीन का ट्रायल फिर से शुरू कर दिया गया है।

ब्रिटेन द्वारा ट्रायल को सुरक्षित बताए जाने के बाद इसे फिर से शुरू करने को हरी झंडी दे दी गई। वैक्सीन के ट्रायल के दौरान एक वालंटियर में गंभीर लक्षण पैदा होने के बाद बीते दिनों परीक्षण रोक दिए गए थे। इस बीच आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका के संयुक्त प्रयास से विकसित वैक्सीन का ट्रायल फिर से शुरू कर दिया गया है। ब्रिटेन द्वारा ट्रायल को सुरक्षित बताए जाने के बाद इसे फिर से शुरू करने को हरी झंडी दे दी गई।

इस वैक्सीन के ट्रायल में शामिल एक वालंटियर में गंभीर लक्षण पैदा होने पर कुछ दिनों के लिए परीक्षण रोक दिए गए थे। वहीं दूसरी ओर ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआइ) ने सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया को आक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के दूसरे-तीसरे चरण के ट्रायल में नए लोगों को शामिल करने पर अगले आदेश तक रोक लगाने को कहा है। यह आदेश न्यू ड्रग्स एंड क्लीनिकल ट्रायल्स रूल्स-2019 के नियम 30 के तहत जारी किया गया है।  

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