भारत बायोटेक के अध्यक्ष ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से की मुलाकात, स्‍वदेशी वैक्‍सीन उपलब्ध कराने पर हुई चर्चा

भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एला और संयुक्‍त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला ने हैदराबाद में शुक्रवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की। इस मुलाकात में भारत और दुनिया में स्‍वदेशी वैक्‍सीन को उपलब्ध कराने के बारे में चर्चा हुई।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 25 Dec 2020 05:09 PM (IST) Updated:Fri, 25 Dec 2020 06:00 PM (IST)
भारत बायोटेक के अध्यक्ष ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से की मुलाकात, स्‍वदेशी वैक्‍सीन उपलब्ध कराने पर हुई चर्चा
भारत बायोटेक के अध्यक्ष ने हैदराबाद में शुक्रवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की।

हैदराबाद, एजेंसियां। भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एला (Krishna Ella) और संयुक्‍त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला (Suchitra Ella) ने हैदराबाद में शुक्रवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की। इस मुलाकात में भारत और दुनिया में स्‍वदेशी वैक्‍सीन (कोवैक्सीन) को उपलब्ध कराने के बारे में चर्चा हुई। बता दें कि भारत बायोटेक (Bharat Biotech) कोवैक्सीन (COVAXIN) नाम का कोविड टीका विकसित कर रही है। 

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान उस स्वदेशी टीके की स्थिति और भारत एवं दूसरे देशों में इसे उपलब्ध कराने की योजना पर बातचीत हुई। उपराष्ट्रपति ने स्वदेशी वैक्‍सीन के विकास में सरकारी-निजी भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। यही नहीं उन्‍होंने वैक्‍सीन विकसित करने को लेकर आईसीएमआर और भारत बायोटेक के बीच सहयोग की सराहना की। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्‍सीन के पहले चरण के प्रतिभागियों में टीका लगाए जाने के तीन महीने बाद तक एंटीबॉडी और टी-सेल्‍स देखी गई हैं। 

टी-सेल्‍स लंबे वक्‍त तक शरीर में मौजूद रहती हैं और वायरस के संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करती हैं। अध्‍ययन में पाया गया है कि उक्‍त एंटीबॉडीज छह से 12 महीने तक रह सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरे चरण के अध्ययन में भी इस वैक्‍सीन (COVAXIN) के अच्छे नतीजे सामने आए हैं। वैक्‍सीन (COVAXIN) के दूसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल के नतीजे सुरक्षित पाए गए हैं। भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कोवैक्सीन को लेकर एक अनुसंधान पत्र में यह जानकारी दी। कोवैक्सीन को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान मिलकर बना रहे हैं। इसके तीसरे चरण का ट्रायल जारी है। 

भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कोवाक्सिन (COVAXIN) के तीसरे चरण का ट्रायल नवंबर के मध्य में शुरू किया था। ट्रायल के लिए 13 हजार स्वयंसेवकों की भर्ती की गई है। कंपनी की मानें तो तीसरे चरण के लिए वह विभिन्न स्थानों से कुल 26 हजार लोगों की भर्ती करेगी। पहले और दूसरे चरण के ट्रायल्‍स में लगभग एक हजार लोगों पर कोवाक्सिन की जांच की गई थी। वैक्सीन (COVAXIN) को भारत बायोटेक के बीएसएल-3 संयंत्र में विकसित किया गया है। भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला का कहना है यह भारत में होने वाला एक अभूतपूर्व वैक्सीन परीक्षण है। ट्रायल के नतीजों से कंपनी (Bharat Biotech) उत्साहित हैं। 

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