देशहित में परिवार नियोजन को बने सख्त कानून: हाई कोर्ट

हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक अहम फैसला देते हुए केंद्र और राज्य सरकार से कहा है कि वह देश की भलाई के लिए परिवार नियोजन से संबंधित सख्त कानून बनाए। पीठ ने कहा कि संतुलित परिवार से ही नागरिकों व आने वाली पीढि़यों का हित सुरक्षित रहेगा। संविधान की मंशा है कि कोई भी व्यक्ति अपने अधिक

By Edited By: Publish:Fri, 19 Sep 2014 09:39 AM (IST) Updated:Fri, 19 Sep 2014 09:56 AM (IST)
देशहित में परिवार नियोजन को बने सख्त कानून: हाई कोर्ट

लखनऊ, जागरण संवाददाता। हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक अहम फैसला देते हुए केंद्र और राज्य सरकार से कहा है कि वह देश की भलाई के लिए परिवार नियोजन से संबंधित सख्त कानून बनाए। पीठ ने कहा कि संतुलित परिवार से ही नागरिकों व आने वाली पीढि़यों का हित सुरक्षित रहेगा। संविधान की मंशा है कि कोई भी व्यक्ति अपने अधिकारों से वंचित न हो और किसी को कोई कष्ट न उठाना पड़े।

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में बढ़ती आबादी पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्र व राज्य सरकारों को आगाह किया है कि भविष्य के लिए यह जरूरी है कि इस पर कानून बने और सख्ती से पालन कराया जाए। यह फैसला न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी की खंडपीठ ने मो. फैज व शाहनाज बानो की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनाया।

याची मो. फैज की ओर से कहा गया कि उनके माता-पिता ने तलाक लेकर अलग-अलग शादी कर ली। अदालत के सामने यह सवाल उठा की बच्चे को किससे गुजारा या संरक्षण दिलाया जाए। हालांकि, पीठ ने फैज के मामले में संबंधित अदालत व अन्य अधिकारियों से कहा है कि वे निर्णय लें। एक अन्य याचिका में शाहनाज बानो के छह बच्चों में एक बेटा अपने माता-पिता को मारने पर आमादा हो गया। अदालत में माता की ओर से याचिका दायर कर सुरक्षा की गुहार की गई। अदालत ने सुनवाई के दौरान पाया कि कई शादियों से अथवा अधिक संतानों से समाज में विघटन की स्थिति पैदा हो रही है।

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परिवार में अधिक बच्चों से आर्थिक तंगी आती है। ऐसे में वह बच्चे अधिकार व हक न मिलने पर अपराध की ओर मुड़ सकते हैं। इसलिए यह आवश्यक हो गया है कि परिवारों में बच्चों की संख्या सुनिश्चित करने संबंधी कानून बनाया जाए। -हाई कोर्ट

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