इस्तीफा नहीं देने पर अडिग उत्तराखंड के राज्यपाल कुरैशी

नई दिल्ली के दो दिनी दौरे और इस्तीफा नहीं देने का एलान करने के बाद उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ. अजीज कुरैशी बुधवार को देहरादून लौट आए। दून पहुंचने पर राज्यपाल डॉ. कुरैशी ने दोहराया कि वह अपने पद से इस्तीफा नहीं देने वाले। उन्होंने उत्तर प्रदेश का राज्यपाल रहते हुए जौहर विश्वविद्यालय को मंजूरी देने को इस्तीफा लेने का आधार बनाने के मामले को मुद्दा बनाने के भी संकेत दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम के लिए पद कुर्बान हो तो उन्हें गम नहीं होगा।

By Edited By: Publish:Thu, 14 Aug 2014 10:11 AM (IST) Updated:Thu, 14 Aug 2014 10:24 AM (IST)
इस्तीफा नहीं देने पर अडिग उत्तराखंड के राज्यपाल कुरैशी

देहरादून, जागरण ब्यूरो। नई दिल्ली के दो दिनी दौरे और इस्तीफा नहीं देने का एलान करने के बाद उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ. अजीज कुरैशी बुधवार को देहरादून लौट आए। दून पहुंचने पर राज्यपाल डॉ. कुरैशी ने दोहराया कि वह अपने पद से इस्तीफा नहीं देने वाले। उन्होंने उत्तर प्रदेश का राज्यपाल रहते हुए जौहर विश्वविद्यालय को मंजूरी देने को इस्तीफा लेने का आधार बनाने के मामले को मुद्दा बनाने के भी संकेत दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम के लिए पद कुर्बान हो तो उन्हें गम नहीं होगा।

कांग्रेसशासित राज्य में कांग्रेसी पृष्ठभूमि के राज्यपाल को बदलने की चर्चाओं के बीच बीते सोमवार को राज्यपाल डॉ. अजीज कुरैशी को नई दिल्ली बुलाया गया था। उनके दौरे के सियासी निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान पहले ही कांग्रेसी पृष्ठभूमि के राज्यपालों को इस्तीफा नहीं देने को कह चुका है। दिल्ली पहुंचकर राज्यपाल डॉ. अजीज कुरैशी ने केंद्रीय गृह सचिव की ओर से उनका इस्तीफा मांगने की पुष्टि की, साथ में इस्तीफा मांगने के इस तरीके पर एतराज भी जताया।

सूत्रों के मुताबिक दिल्ली दौरे के दौरान कई दिग्गज कांग्रेस नेताओं के संपर्क में भी रहे। डॉ. कुरैशी के रुख ने सियासत को गरमा दिया। दो दिनी दिल्ली दौरे के बाद बुधवार दोपहर करीब डेढ़ बजे राज्यपाल राजभवन लौटे।

पुनिया को अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष पद छोड़ने की सलाह

सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पुनिया को पद छोड़ने की सलाह दी है। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक पुनिया को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। गहलोत का कहना है कि आयोग के अध्यक्ष पद पर पुनिया की नियुक्ति संप्रग सरकार के आखिरी दिनों में हुई थी, इसलिए उन्हें यह पद छोड़ा दे देना चाहिए।

गहलोत ने संसद के बाहर बुधवार को पत्रकारों से कहा, 'अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष का पद संवैधानिक है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में पुनिया को आयोग का अध्यक्ष बनाया था। मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि इस पद पर बैठे व्यक्ति को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।'

पुनिया के इस्तीफा नहीं देने की सूरत में उन्हें पद से बर्खास्त करने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि गंभीर विचार विमर्श के बाद ही बर्खास्तगी के सवाल पर कोई टिप्पणी की जा सकती है। इस साल मई में केंद्र में सत्ता परिवर्तन के बाद से मोदी सरकार अब तक कई लोगों को उनके पदों से हटा चुकी है, जिनकी नियुक्ति संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई थी।

पढ़े: बेनीवाल के बाद अब उत्तराखंड-बिहार के राज्यपालों की बारी

उप्र में अनोखी गर्वनरी कर विदा हुए कुरैशी

chat bot
आपका साथी