सड़क हादसों को रोकने के लिए मोबाइल ट्रैकिंग कैमरा लगाने वाला बना पहला देश ऑस्ट्रेलिया

न्यू साउथ वेल्स में इस साल अब तक 329 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले साल भर में 354 लोगों की मौत हुई थी। प्रशासन की कोशिश इन आंकड़ों को कम करना है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Mon, 02 Dec 2019 09:17 AM (IST) Updated:Mon, 02 Dec 2019 09:20 AM (IST)
सड़क हादसों को रोकने के लिए मोबाइल ट्रैकिंग कैमरा लगाने वाला बना पहला देश ऑस्ट्रेलिया
सड़क हादसों को रोकने के लिए मोबाइल ट्रैकिंग कैमरा लगाने वाला बना पहला देश ऑस्ट्रेलिया

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। आधुनिक समाज में मोबाइल फोन रोजमर्रा की दिनचर्या का हिस्सा है। मोबाइल न हो तो बेचैनी होने लगती है, लेकिन मोबाइल के प्रति यह अनुराग कभी कभी जानलेवा भी साबित हो रहा है। बहुत से लोग वाहन चलाते वक्त मोबाइल पर बात करते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।

हालांकि ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में यदि आप मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाएंगे तो आप पकड़े जाएंगे। रविवार को यहां पर मोबाइल फोन का पता लगाने वाला कैमरा लगाया गया है। ऐसा करने वाला यह दुनिया का पहला देश बन गया है। दावा किया जा रहा है कि इससे सड़क हादसों में एक तिहाई की कमी लायी जा सकेगी।

हर मौसम में करेगा काम

यह हर मौसम में दिन रात काम करने में सक्षम है। न्यू साउथ वेल्स के सहायक पुलिस आयुक्त मिशेल कोर्बोय का कहना है कि यह वह प्रणाली है जो संस्कृति को बदल देगी। इसी साल जनवरी और जून में कैमरों का परीक्षण किया गया था।

तीन महीने बाद लगेगा भारी जुर्माना

यह प्रणाली शुरू करने के बाद मोबाइल का प्रयोग करने वाले लोगों को पहले तीन महीने तक चेतावनी दी जाएगी। इसके बाद 180 ऑस्टे्रलियाई डॉलर (करीब आठ हजार सात सौ रुपये) का जुर्माना लगाया जाएगा। यदि स्कूल क्षेत्र में ऐसा मामला सामने आया तो 240 डॉलर का जुर्माना देना होगा।

क्यों उठाना पड़ा यह कदम

न्यू साउथ वेल्स में इस साल अब तक 329 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले साल भर में 354 लोगों की मौत हुई थी। प्रशासन की कोशिश इन आंकड़ों को कम करना है। उन्होंने 2021 में सड़क हादसों में होने वाली मौतों को 30 फीसद कम करने का लक्ष्य रखा है। सरकार का अनुमान है कि 2012 से 2018 तक न्यू साउथ वेल्स में मोबाइल फोन के इस्तेमाल के चलते 158 लोगों की मौत हुई है।

ऐसे काम करेगा कैमरा

न्यू साउथ वेल्स ट्रांसपोर्ट के मुताबिक यह दुनिया का पहला कैमरा है, जो पता लगा सकता है कि वाहन चलाते वक्तचालक मोबाइल का इस्तेमाल तो नहीं कर रहा है। यह मोबाइल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित है। यह तस्वीरों का परीक्षण करता है और मोबाइल के गलत इस्तेमाल का पता लगाता है। स्थानीय कानून के मुताबिक वाहन चलाते हुए मोबाइल फोन कर सकते हैं या रिसीव कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए हैंड्स फ्री उपकरण इस्तेमाल करना होगा। वीडियो calling, सोशल मीडिया का इस्तेमाल और फोटो खींचना गैर कानूनी है।

सड़क हादसों में हताहत मामले में भारत शीर्ष पर

भारत में हर साल होने वाले सड़क हादसों में लाखों लोग मौत के मुंह में समा जाते हैं। इस मामले में हमारा देश दुनिया में सबसे आगे है। कुछ समय पूर्व कड़े नियम कानूनों को लागू किए जाने के बाद इसमें कमी की उम्मीद की जा रही है।

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