तीन तरफ से भरत सिंह पर हुआ था हमला, लगरपुरिया समेत कई गिरोहों पर शक

पूर्व विधायक चौधरी भरत सिंह की हत्या के तीन दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच व स्पेशल सेल की टीमें दिल्ली समेत हर संभावित स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं। मामले में लगरपुरिया समेत कई अन्य गिरोह शक के दायरे में

By anand rajEdited By: Publish:Wed, 01 Apr 2015 08:47 AM (IST) Updated:Wed, 01 Apr 2015 10:54 AM (IST)
तीन तरफ से भरत सिंह पर हुआ था हमला, लगरपुरिया समेत कई गिरोहों पर शक

दिल्ली (भगवान झा)। वर्ष 2012 में भरत सिंह पर हुए हमले व उनके बच जाने की घटना को ध्यान में रखते हुए हमलावरों ने उनकी हत्या की ठोस साजिश रची थी। हमला पूरी तरह सफल हो, इसके लिए बदमाशों ने एक साथ तीन तरफ से उन पर हमला बोला। वहीं एक मीटर से भी कम दूरी से उन्हें गोलियां मारी गई थीं।

अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक, भरत सिंह पर हमलावरों ने सात गोलियां दागी। इनमें से पांच गोली उनके शरीर के आरपार हो गई। हालांकि, अभी इस बात का खुलासा नहीं हो पाया कि किस हथियार से भरत सिंह पर हमला किया गया था।

राव तुलाराम अस्पताल के सूत्रों से के अनुसार, तीन डॉक्टरों के पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया। शरीर में फंसी गोलियों को देखने के लिए कई बार शव का एक्सरे किया गया और इसके बाद दोनों गोलियों को बाहर निकाला जा सका। गोलियों की स्थिति को देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि उन्हें एक मीटर से भी कम दूरी से गोलियां मारी गई। करीब से गोली मारने के कारण ही गोलियां उनके शरीर के आरपार हो गई।

पूर्व विधायक भरत सिंह की हत्या के लिए आए हमलावर इस बार किसी प्रकार की चूक की गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहते थे। घटनास्थल पर मौजूद लोगों का कहना है कि बदमाशों को यह आशंका थी कि गोली मारने के बावजूद भरत सिंह कहीं बच न जाएं। इसलिए हमले के बाद भाग रहे कुछ बदमाश दोबारा अभिनंदन वाटिका पहुंचे और उन्हें फिर दो गोलियां मारी और फरार हो गए।

दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस के अतिरिक्त उपायुक्त चिन्मय बिस्वाल से जब पूछा गया कि कितनी बोर की गोली से भरत सिंह पर हमला हुआ था तो उन्होंने बताया कि इससे जांच प्रभावित हो सकती है। इसलिए इस बात को जाहिर करना ठीक नहीं है। पुलिस अभी सभी कोणों से मामले की तफ्तीश में लगी हुई है। इसका समय आने पर खुलासा किया जाएगा।

लगरपुरिया समेत कई अन्य गिरोह शक के दायरे में

पूर्व विधायक चौधरी भरत सिंह की हत्या के तीन दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच व स्पेशल सेल की टीमें दिल्ली समेत हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व उत्तर प्रदेश में हर संभावित स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं। डीसीपी दक्षिण-पश्चिम जिला आरए संजीव का कहना है कि जबतक कोई शूटर पकड़ा नहीं जाएगा तबतक यह कह पाना मुश्किल होगा कि किस गिरोह ने किस रंजिश की वजह से भरत सिंह की हत्या की है।

पुलिस कृष्ण पहलवान व भरत सिंह की तमाम रंजिशों के मद्देनजर जांच में जुटी है। सूत्रों की मानें तो पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी खुद इस केस पर नजर रख रहे हैं और जिला पुलिस समेत सेल व क्राइम ब्रांच से लगातार रिपोर्ट ले रहे हैं। जल्द खुलासे के लिए सेल व क्राइम ब्रांच पर भारी दबाव है। ऐसे में स्पेशल सेल यह सोचकर कार्रवाई में जुटी है कि जरूरत पड़ी तो वे बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराएगी।

पुलिस अधिकारी का कहना है कि भरत सिंह की हत्या के बाद फिर मित्रऊं, ढिचाऊं कला, झड़ौदा कला आदि इलाके में गैंगवार हो सकता है। ऐसे में पुलिस की रणनीति यह भी है कि बदमाशों से मुठभेड़ कर उन्हें मार गिराया जाए। पुलिस का कहना है कि प्रॉपर्टी विवाद को लेकर कृष्ण पहलवान की न केवल विकास लगरपुरिया से बल्कि ढिचाऊं कला के ही रहने वाले उदयवीर उर्फ काले, मंजीत महल, विकास डागर व नवीन खाती गिरोह से भी दुश्मनी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि लगरपुरिया ने उदयवीर समेत नीरज बवाना व अमित भूरा गिरोह से भी सहयोग लिया हो। विक्की डागर पर भी शामिल होने का शक है।

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