भारत-रूस सेनाओं के बीच ऐतिहासिक युद्धाभ्यास शुरू, सेना के तीनों अंग हो रहे हैं शामिल

पहली बार भारत और रूस की सेनाओं के तीनों अंग एक युद्धाभ्यास में भाग ले रहे हैं।

By Kishor JoshiEdited By: Publish:Sat, 21 Oct 2017 08:50 AM (IST) Updated:Sat, 21 Oct 2017 09:16 AM (IST)
भारत-रूस सेनाओं के बीच ऐतिहासिक युद्धाभ्यास शुरू, सेना के तीनों अंग हो रहे हैं शामिल
भारत-रूस सेनाओं के बीच ऐतिहासिक युद्धाभ्यास शुरू, सेना के तीनों अंग हो रहे हैं शामिल

नई दिल्ली (पीटीआई)। भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक सैन्य युद्धाभ्यास शुक्रवार से व्लाडीवोस्टक में शुरू हो गया। पहली बार दोनों देशों की सेना के तीनों अंग (सेना, नौसेना और वायुसेना) इसमें हिस्सा ले रहे हैं। इसका उद्देश्य आतंकियों के खिलाफ निपटने में समन्वय बढ़ाने के अलावा रणनीतिक और सामरिक तौर पर रक्षा संबंधों को और मजबूती प्रदान करना है। जापान सागर में दस दिनों तक चलने वाले इस अभ्यास को 'इंद्र-2017' का कोड नाम दिया गया है।

रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर युद्धाभ्यास शुरू होने की जानकारी दी। इसके मुताबिक, सेना के तीनों अंगों का संयुक्त अभ्यास साझा चुनौतियों से निपटने के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसमें तकरीबन 450 भारतीय और लगभग एक हजार रूसी जवान हिस्सा ले रहे हैं। उद्घाटन समारोह में दोनों देशों के सेना के तीनों अंगों ने मार्च पास्ट किया। भारतीय जांबाजों ने पारंपरिक मार्शल आर्ट कला का प्रदर्शन भी किया। भारतीय टास्क फोर्स के कमांडर मेजर जनरल एनडी प्रसाद ने इस अभ्यास को दोनों देशों के बीच लगातार जारी रणनीतिक साझेदारी का परिचायक बताया। उन्होंने कहा कि आतंक रोधी अभियान में दोनों देशों के अनुभव से क्षमता बढ़ाने में सहायक होंगे।

ईस्टर्न मिलिट्री डिस्टि्रक्ट (रूसी संघ) के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल सोलोमाटिन ने कहा कि संयुक्त सैन्य अभ्यास से दोनों देशों की सेनाओं के संबंध और मजबूत होंगे। लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नेगी ने बताया कि भारत और रूस के बीच कूटनीतिक संबंधों के 70 साल पूरा होने के मौके पर आयोजित अभ्यास मील का पत्थर है।

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