फूल के निशान और वाहन पर लिखा मुस्कान बने अहम सुराग

धौलाकुआं सामूहिक दुष्कर्म मामले के आरोपियों तक पहुंचना पुलिस के लिए कतई आसान नहीं था। घटना के बाद से नौ दिन तक पुलिस के हाथ बिल्कुल खाली थे, लेकिन एक अंजान शख्स के द्वारा किए गए फोन व पीड़ित द्वारा घटना से जुड़ी दी गई जानकारियों से पुलिस को सफलता मिलती गई। इस मामले में पहली गिरफ्तारी पुलिस ने

By anand rajEdited By: Publish:Wed, 15 Oct 2014 08:05 AM (IST) Updated:Wed, 15 Oct 2014 08:18 AM (IST)
फूल के निशान और वाहन पर लिखा मुस्कान बने अहम सुराग

दिल्ली (गौतम कुमार मिश्र)। धौलाकुआं सामूहिक दुष्कर्म मामले के आरोपियों तक पहुंचना पुलिस के लिए कतई आसान नहीं था। घटना के बाद से नौ दिन तक पुलिस के हाथ बिल्कुल खाली थे, लेकिन एक अंजान शख्स के द्वारा किए गए फोन व पीड़ित द्वारा घटना से जुड़ी दी गई जानकारियों से पुलिस को सफलता मिलती गई। इस मामले में पहली गिरफ्तारी पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर ही की थी। पीड़ित ने पुलिस को बताया था कि सभी बदमाश 20 से 25 वर्ष की उम्र के हैं और वे अजीब सी हिंदी बोलते हैं। छानबीन के दौरान पुलिस को पता लग गया था कि पीड़ित द्वारा बताई गई बोली मेवात क्षेत्र के निवासियों द्वारा बोली जाती है।

पीड़ित ने पुलिस को दिए बयान में गाड़ी का हुलिया भी बता दिया था। उसने बताया कि गाड़ी पर फूल बने हुए थे तथा उसे अंदर से हरे रंग से पेंट किया गया था। गाड़ी पर मुस्कान लिखा था। बाद में पुलिस ने उस्मान से पूछताछ की और गाड़ी को बरामद कर लिया। बरामद गाड़ी पर पीड़ित के बयान के अनुसार ही फूल बने हुए थे तथा मुस्कान लिखा था। इसके बाद पुलिस को इस मामले में लगातार कामयाबी मिलती गई।

अभियुक्तों ने दोस्तों को बताई थी पूरी घटना

इस मामले में दोषी करार दिए गए सभी पांचों बदमाशों ने गांव में दोस्तों को मजाक-मजाक में पूरी घटना बताई थी। जिसके बाद यह बात पूरे इलाके में फैल गई। वहीं मीडिया में भी यह घटना पूरी तरह चर्चा में थी। इसी बीच इन बदमाशों के विरोधी गुट के किसी सदस्य ने पुलिस को उनके बारे में सूचना दे दी। उस अनजान शख्स ने पुलिस को बताया कि ये सभी भागने वाले हैं। इसके बाद तत्काल पुलिस ने उस्मान व शमसाद को धौज गांव से गिरफ्तार करने में सफलता पाई। उस्मान ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि घटना वाले दिन शमसाद, इकबाल, शाहिद व कमरुद्दीन के साथ मिलकर वे दिल्ली पशु चोरी करने के इरादे से आए थे। सभी महिंद्रा पिकअप गाड़ी में सवार थे। सभी ने शराब पी रखी थी। शराब पीने के बाद ही सभी ने सामूहिक दुष्कर्म की योजना बनाई थी। जब वे मोतीबाग इलाके में पहुंचे तब वहां उन्होंने एक टवेरा गाड़ी देखी। इसमें दो लड़कियां उन्हें नजर आईं। उन्होंने पीछा करना शुरू किया। यह गाड़ी लड़कियों को उतारकर जब चली गई तब भी बदमाशों ने पीछा जारी रखा। मौका मिलते ही गाड़ी से कमरुद्दीन, शमसाद व शाहिद उतरे और उन्होंने दोनों लड़कियों को पिकअप में बिठाने का प्रयास किया, लेकिन पीड़ित की साथी किसी तरह से वहां से भागने में कामयाब रही।

अंजान शख्स ने पुलिस को फोन कर बदमाशों की जानकारी दी

पुलिस के लिए यह मामला काफी पेचीदा था। लेकिन पीड़ित द्वारा दी गई बदमाशों के बारे में जानकारी जिसमें उनके व्यवहार, उनकी बोली, गाड़ी से जुड़ी जानकारियों के आधार पर पुलिस ने मोटे तौर पर इस बात का पता लगा लिया था कि बदमाश किस इलाके से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन पहले दो आरोपियों की गिरफ्तारी गुप्त सूचना के आधार पर ही संभव हुई।

-इंस्पेक्टर राज कुमारी, धौलाकुआं सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच अधिकारी।

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