पिच ब्लैक युद्धाभ्यास में पहली बार भाग लेगी वायुसेना

24 जुलाई से 18 अगस्त तक आयोजित होने वाले इस वायुसैनिक अभ्यास में भारत अपना लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई के अलावा हक्र्यूलस और ग्लोब मास्टर विमानों को भी उतार रहा है।

By Vikas JangraEdited By: Publish:Sat, 21 Jul 2018 12:21 AM (IST) Updated:Sat, 21 Jul 2018 12:21 AM (IST)
पिच ब्लैक युद्धाभ्यास में पहली बार भाग लेगी वायुसेना
पिच ब्लैक युद्धाभ्यास में पहली बार भाग लेगी वायुसेना

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आस्ट्रेलिया की वायुसेना द्वारा आयोजित बहुराष्ट्रीय वायुसैनिक अभ्यास पिच ब्लैक-2018 में भारत पहली बार भाग लेने जा रहा है। 24 जुलाई से 18 अगस्त तक आयोजित होने वाले इस वायुसैनिक अभ्यास में भारत अपना लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई के अलावा हक्र्यूलस और ग्लोब मास्टर विमानों को भी उतार रहा है।

हर दो साल में आयोजित होने वाले इस बहुराष्ट्रीय वायुसैनिक अभ्यास में दुनिया भर की दर्जन से अधिक वायुसेना भाग ले रही है। इस अभ्यास में आस्ट्रेलिया के अलावा कनाडा, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, थाईलैंड की वायुसेना शामिल होंगी।

युद्धाभ्यास में भाग लेने जा रही भारतीय सैन्य टुकड़ी में 145 हवाई योद्धा होंगे जिसमें वायुसेना की गरुड़ कंमाडो टीम भी शामिल होगी। इस अभ्यास में भाग ले रहे वायुसेना के चार सुखोई-30 एमकेआई विमानों के अलावा एक सी-130 हक्र्यूलस और एक सी-17 ग्लोब मास्टर विमान आस्ट्रेलिया के लिये रवाना हुए है।

अभ्यास में भाग ले रही भारतीय टीम की अगुवाई गु्रप कैप्टन सीयूवी राव कर रहे हैं। आसमानी युद्ध का अभ्यास एक नियंत्रित माहौल में आयोजित होगा और इस दौरान विभिन्न वायु सेनाएं एक दूसरे की प्रक्रियाओं से सीखेंगे और इसे साझा करेंगी। इस अभ्यास से भारतीय वायुसेना की समाघात रणनीति को अधिक धारदार बनाने का मौका मिलेगा।

अभ्यास की खास बात यह होगी कि सुखोई-30 एमकेआई विमान कलाईकुंडा वायुसैनिक अड्डा से उड़ान भर कर सीधे आस्ट्रेलिया पहुंचेंगे और इस दौरान उन्हें ईधन की सप्लाई वायुसेना के टैंकर विमान आईएल-78 द्वारा की जाएगी। आस्ट्रेलिया के डारविन वायुसैनिक अड्डे से इंडोनेशिया के सुबांग वायुसैनिक अड्डे के लिये जब वापसी की उड़ान भरेंगे तब आस्ट्रेलियाई वायुसेना के केसी-30ए टैंकर विमान सुखोई-30 विमान में ईधन भरेंगे।

आस्ट्रेलिया जाते और लौटते वक्त भारतीय वायुसैनिकों को मलेयशियाई और इंडोनेशियाई वायुसेना के साथ भी अपने अनुभव साझा करने का मौका मिलेगा।

chat bot
आपका साथी