क्या दलवीर भंडारी की जीत जाधव को दिला पाएगी रिहाई?
भंडारी की जीत से यह तो सुनिश्चित हो गया कि अब जब जाधव पर मामले की सुनावई होगी तो आईसीजे में भारत का भी एक प्रतिनिधि होगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आईसीजे में वैसे तो भारत से जुड़े कई मामले विगत कुछ दशकों में गये हैं लेकिन जो मामला सबसे चर्चित रहा है वह है पाकिस्तान में कैद और फांसी की सजा पाये भारतीय नौ सेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव का।
जाधव को पाकिस्तान के सैन्य कोर्ट की तरफ से फांसी की सजा दिए जाने के बाद भारत इसे मामले को आइसीजे में ले कर गया था। आईसीजे ने 18 मई 2017 को अपने अंतरिम आदेश में जाधव को मिली फांसी की सजा पर अंतरिम रोक लगा दिया था।
उसके बाद भारत और पाकिस्तान को अपना अपना पक्ष नए सिरे से रखने को कहा गया है। पाकिस्तान को 13 दिसंबर, 2017 तक अपना पक्ष रखने को कहा गया है। माना जा रहा है कि हेग स्थित मुख्यालाय में जाधव मामले पर जनवरी, 2018 के अंत से कार्रवाई शुरु होगी।
भंडारी की जीत से यह तो सुनिश्चित हो गया कि अब जब जाधव पर मामले की सुनावई होगी तो आईसीजे में भारत का भी एक प्रतिनिधि होगा। हालांकि जानकार मानते हैं कि किसी देश के न्यायाधीश के होने की वजह से उससे जुड़े मामले पर कोई असर नहीं पड़ता।
दैनिक जागरण ने इस बारे में विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी से भी पूछा कि क्या इस जीत को आईसीजे में पाकिस्तानी जेल में कैद नौ सेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले को जोड़ कर देखा जाना चाहिए तो उसका जवाब था कि, बिल्कुल नहीं।
जाधव ने अपनी फांसी की सजा को माफ करने के लिए पाकिस्तान के आर्मी चीफ के पास माफी का आवेदन भेजा हुआ है। एक हफ्ते पहले ही पाकिस्तान ने अचानक ही जाधव की पत्नी को उनसे मिलने की इजाजत देने का प्रस्ताव भारत को भेजा है। भारत ने इसका जवाब भी भेजा है।
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