पीने के शौकीनों ने जाम में उड़ाए 10 अरब 70 करोड़ रुपये

रायपुर के मदिरा प्रेमी मयखाने में जाम छलकाने में एक साल में 10 अरब 70 करोड़ 91 लाख 96 हजार रुपये फूंक दिए।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 17 Apr 2018 11:36 AM (IST) Updated:Tue, 17 Apr 2018 03:56 PM (IST)
पीने के शौकीनों ने जाम में उड़ाए 10 अरब 70 करोड़ रुपये
पीने के शौकीनों ने जाम में उड़ाए 10 अरब 70 करोड़ रुपये

रायपुर [मधुकर दुबे]। 'मुझे पीने का शौक नहीं, पीता हूं गम भुलाने को"... 'कुली" फिल्म के इस गाने की तर्ज पर रायपुर के मदिरा प्रेमी मयखाने में जाम छलकाने में एक साल में 10 अरब 70 करोड़ 91 लाख 96 हजार रुपये फूंक दिए।

चाहे भले ही इनमें चंद ऐसे भी शौकीन हैं, जिनके घर में एक जून का चूल्हा भी जल पाना मुश्किल है, कर्ज से दबे हैं..इन्हें मजदूर वर्ग भी कह सकते हैं, जो हाड़तोड़ मेहनत करने के बाद खुद की गाढ़ी कमाई सस्ती शराब देसी पीने में चार अरब 94 करोड़ 33 लाख 84 हजार 255 रुपये उड़ा दिए।

वहीं मध्यम से उच्चवर्ग के लोग भी इसमें पीछे नहीं, इन्होंने महंगी ब्रांडेड शराब पीने की शौक में पांच अरब 76 करोड़ 58 लाख 12 हजार 451 स्र्पये खर्च कर दिए। हां, इतना था कि हजार रुपये से ऊपर के दाम वाले ब्रांडेड अंग्रेजी शराब मिली, लेकिन इससे कम रेट में प्रचलित मैक्डावल्ड नंबर वन, ग्रीन लेवल जैसी अन्य ब्रांड की शराब लोगों को सालभर नहीं मिलीं। कुछ ही ब्रांड के प्रेमी मजबूरी में कम रेट वाली शराबों को ही हलक के नीचे उतारे।

इतनी हैं शराब दुकानें

पूरे राज्य में 693 शराब दुकानें हैं। इसमें 376 देसी और 317 विदेशी शराब दुकानें हैं। इसमें रायपुर में 65 और बिलासपुर में 61 दुकानें हैं यानी कमाई के साथ दुकानों की संख्या में भी रायपुर आगे है।

लोकल में बनी अंग्रेजी शराब ही बिकी

लोकल माने तो राज्य में ही मैन्यूफैक्चरिंग वाली शराब कंपनियों के ब्रांड ही शराब दुकानों में स्टॉक किए गए थे, जहां सिर्फ मनमाने तरीके से लोगों को थमाने का सिलसिला उसे समय से लेकर आज तक जारी है।

इसमें नकली ब्रांड भी जमकर चले। कहीं में मदिरा प्रेमी पीने के बाद भी नशे के लिए तरसे, तो किसी ने मिलावटी ब्रांड पीकर आबकारी को कोसते भी रहे, लेकिन क्या करें, तलब तो मिटानी थी। बहरहाल आबाकारी विभाग के अफसरों के तर्क भी निराले, जिस ब्रांड की सप्लाई थी। उसे ही बेचना प्लेसमेंट कर्मचारियों की मजबूरी थी।

हलक से उतर रही हर दिन 13 करोड़ की शराब

अभी तक हुए विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 13 करोड़ 62 लाख स्र्पये के शराब हर दिन लोग अपने हलक के नीचे उतार रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा शराब पीने में रायपुर के मदिरा प्रेमी अव्वल हैं। दूसरे नंबर पर दुर्ग और तीसरे नंबर पर बिलासपुर जिले का है। बीते आठ माह अप्रैल से नवंबर 32 अरब 69 करोड़ 30 लाख स्र्पये की शराब बेची गई। इससे 24 अरब 27 करोड़ 13 लाख की आय हुई।

- पिछले साल से 20 फीसदी आय बढ़ी है। शराब दुकानों को प्लेसमेंट कर्मचारियों से संचालित किया जाएगा। स्टॉक नहीं मिल पाने से ब्रांड शराब की कमी थी। 

- पीएल साहू, सहायक आयुक्त आबकारी 

chat bot
आपका साथी