इंटरनेट से दूर होने पर घबराते हैं भारतीय यूजर्स

इंटरनेट से दूर रहने पर भारतीय यूजर्स ज्यादा घबराते हैं। जिस समय वे इंटरनेट से कटे होते है, उन्हें लगता है कि उनका सामाजिक संपर्क टूट गया है। एक नए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। वैश्विक इंटरनेट यूजर्स की प्रवृत्ति और इंटरनेट से जुड़ी उनकी जानकारी पर टाटा कम्युनिकेशंस ने 'कनेक्टेड व‌र्ल्ड- टू' रिपा

By Sanjay BhardwajEdited By: Publish:Wed, 08 Oct 2014 10:11 PM (IST) Updated:Wed, 08 Oct 2014 10:11 PM (IST)
इंटरनेट से दूर होने पर घबराते हैं भारतीय यूजर्स

नई दिल्ली। इंटरनेट से दूर रहने पर भारतीय यूजर्स ज्यादा घबराते हैं। जिस समय वे इंटरनेट से कटे होते है, उन्हें लगता है कि उनका सामाजिक संपर्क टूट गया है। एक नए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।

वैश्विक इंटरनेट यूजर्स की प्रवृत्ति और इंटरनेट से जुड़ी उनकी जानकारी पर टाटा कम्युनिकेशंस ने 'कनेक्टेड व‌र्ल्ड- टू' रिपोर्ट जारी की। सर्वेक्षण में शामिल करीब 82 फीसद भारतीयों ने स्वीकारा कि जब वे इंटरनेट से नहीं जुड़े होते हैं, उनमें 'फियर ऑफ मिसिंग आउट' (सामाजिक संपर्क नहीं होने का डर) का अहसास होता है। इस मामले में भारतीयों की संख्या दुनिया भर में सबसे ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक 46 फीसद भारतीय (वैश्विक स्तर पर यह दर 29 फीसद है) 6 घंटे या इससे ज्यादा रोजाना इंटरनेट पर सक्रिय रहते हैं। भारतीय पुरुष महिलाओं की तुलना में इंटरनेट पर ज्यादा समय बिताते हैं। हालांकि इंटरनेट से न जुड़े होने पर महिलाएं ज्यादा बेचैनी महसूस करती हैं।

56 फीसद भारतीयों ने माना कि वे इंटरनेट कनेक्टिविटी के बिना 5 घंटे से ज्यादा समय तक नहीं रह सकते। हालांकि, इंटरनेट के बारे में जानकारी के मामले में भारतीय अन्य वैश्विक औसत से ज्यादा बेहतर पाए गए। सर्वेक्षण में शामिल 48 फीसद भारतीयों को इंटरनेट की पूरी क्षमता और सीमा के बारे में सही जानकारी थी, जबकि जर्मनी में 26 फीसद, ब्रिटेन में 30 फीसद, अमेरिका में 28 फीसद, फ्रांस में 43 फीसद और सिंगापुर में 38 फीसद लोगों को इस बात की जानकारी थी। सर्वे में शामिल बहुत से भारतीयों को पता था कि ज्यादातर सूचनाएं 'क्लाउड' पर रहती हैं। 69 फीसद भारतीय इस बात से वाकिफ थे कि 'क्लाउड' डाटा सेंटर्स में रहता है।

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