सीबीआई रिपोर्ट पर लगी रोक हटाने की मांग

उत्तर प्रदेश खाद्यान्न घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई के हाई कोर्ट में जांच रिपोर्ट दाखिल करने पर लगी रोक हटाने की मांग की गई है। यह अर्जी विश्वनाथ चतुर्वेदी ने दाखिल की है। अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट 13 मार्च को सुनवाई करेगा।

By Edited By: Publish:Thu, 16 Feb 2012 12:54 AM (IST) Updated:Thu, 16 Feb 2012 01:22 AM (IST)
सीबीआई रिपोर्ट पर लगी रोक हटाने की मांग

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश खाद्यान्न घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई के हाई कोर्ट में जांच रिपोर्ट दाखिल करने पर लगी रोक हटाने की मांग की गई है। यह अर्जी विश्वनाथ चतुर्वेदी ने दाखिल की है। अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट 13 मार्च को सुनवाई करेगा।

मालूम हो कि चतुर्वेदी की याचिका पर ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खाद्यान्न घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंपी थी। इतना ही नहीं, कोर्ट ने सीबीआइ को हर दो महीने में जांच की स्थिति रिपोर्ट हाई कोर्ट में दाखिल करने का भी आदेश दिया था। इसके साथ ही कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार खाद्यान्न घोटाले में आरोपी लोकसेवकों के खिलाफ मुकदमें की मंजूरी तीन महीने के भीतर दे देगी। अगर राज्य सरकार तीन महीने में मंजूरी नहीं देती है तो स्वत: मंजूरी मान ली जाएगी।

हाई कोर्ट के इस आदेश को उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए गत वर्ष 18 अप्रैल को अंतरिम आदेश पारित किया था। इसमें सीबीआई को हर दो महीने पर हाई कोर्ट में जांच रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही मुकदमे की मंजूरी के लिए हाई कोर्ट द्वारा तय तीन महीने की अवधि को बढ़ा कर छह महीने कर दिया था।

विश्वनाथ चतुर्वेदी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर 18 अप्रैल का अंतरिम रोक आदेश निरस्त करने की मांग की है।

बुधवार को चतुर्वेदी की ओर से अर्जी पर शीघ्र सुनवाई की मांग की गयी। उनके वकील प्रशांत भूषण ने लोकसेवकों पर मुकदमे की मंजूरी के बारे में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का भी उदाहरण दिया।

दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश के वकील राजकुमार गुप्ता ने कहा कि अभी राज्य में चुनाव चल रहे हैं। फिलहाल अधिकारी खाली नहीं है, अत: अर्जी पर बाद में सुनवाई की जाए। पीठ ने उनकी दलीलें सुनने के 13 मार्च को अर्जी सुनवाई के लिए लगाने का निर्देश दिया।

अर्जी में कहा गया है कि सीबीआई के जांच रिपोर्ट दाखिल करने पर रोक लगने से मामले से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्य समाप्त हो सकते हैं। हाल ही में सीबीआइ ने कई प्रभावी लोगों पर छापे मारे हैं। अर्जी में कहा गया है या तो इस मामले की निगरानी सुप्रीम कोर्ट करे या हाई कोर्ट को दे दे।

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