निपाह वायरस का पता लगाने केरल पहुंची वैज्ञानिकों की टीम, चमगादड़ों से नमूने एकत्रित किए

केरल में पिछले साल भी निपाह वायरस का प्रकोप फैला था।

By ShashankpEdited By: Publish:Thu, 13 Jun 2019 03:10 PM (IST) Updated:Thu, 13 Jun 2019 03:10 PM (IST)
निपाह वायरस का पता लगाने केरल पहुंची वैज्ञानिकों की टीम, चमगादड़ों से नमूने एकत्रित किए
निपाह वायरस का पता लगाने केरल पहुंची वैज्ञानिकों की टीम, चमगादड़ों से नमूने एकत्रित किए

एर्नाकुलम, एएनआइ। केरल में जानलेवा निपाह वायरस ने एक बार फिर दस्तक दे दी है। केरल के एर्नाकुलम जिले में निपाह वायरस का ज्यादा असर देखने को मिला है। इसी को ध्यान में रखते हुए इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड वायरोलॉजी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों की 8 सदस्यीय टीम निपाह वायरस के स्रोतों को पता लगाने के लिए एर्नाकुलम के उत्तर परावूर पहुंची। वैज्ञानिकों की टीम ने निपाह वायरस के स्रोतों का पता लगाने के लिए फल खाने वाले चमगादड़ों से नमूने एकत्र करने के लिए यहां पहुंची।

Kerala: An 8 member team of scientists from Institute of Advanced Virology, Kerala & National Institute of Virology arrive in North Paravur, Ernakulam to collect samples from fruit eating bats to find the source of the Nipah virus. pic.twitter.com/M6BsAzde4T— ANI (@ANI) June 13, 2019

 विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने निपाह को एक उभरती बीमारी करार दिया था। WHO के मुताबिक, निपाह वायरस चमगादड़ की एक नस्ल में पाया जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, चमगादड़ के जरिए फलों में यह वायरस फैलता है, जिस फल को ऐसे चमगादड़ खाते हैं, उनमें वायरस मिलता है। उस फल की पूरी फसल में इस वायरस के होने का खतरा रहता है।

पिछले दिनों एर्नाकुलम के 23 साल के एक छात्र में निपाह वायरस की पुष्टि हुई है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि अन्य चार लोगों में निपाह वायरस जैसे लक्षण पाए गए हैं, उनके खून के सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है। छात्र के परिजनों समेत अन्य 80 लोगों को निगरानी में रखा गया है।

पिछले साल भी फैला था प्रकोप

केरल में पिछले साल भी निपाह वायरस का प्रकोप फैला था। कब कोझीकोड में 14 और मलप्पुरम में तीन मरीजों की मौत हो गई थी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले साल निपाह वायरस से सफलतापूर्वक जंग लड़ी थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस बारे में अफवाह न फैलाने की अपील की है।

बीमारी के लक्षण

निपाह वायरस इंसेफलाइटिस यानी दिमागी बुखार का ही एक रूप है। इसमें सिर दर्द, तेज बुखार, सुस्ती, उलझन, याद्दाश्त कमजोर होना, भ्रम होना, मिर्गी आना और दौरे पड़ने की शिकायत होती है। मरीज कोमा में भी चला जाता है। इस वायरस का अभी तक कोई टीका नहीं विकसित हुआ है। इसके लक्षणों पर ही इलाज होता है।

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