देश में 50 शहरों तक पहुंचीं 5जी स्पेक्ट्रम सेवाएं, 84 हजार संस्थाओं को स्टार्टअप के रूप में मिली मान्यता

सरकार ने बुधवार को बताया कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने एक अक्टूबर 2022 से देश में 5जी सेवाएं उपलब्ध करानी शुरू कर दी हैं और पिछले महीने तक 50 शहरों में 5जी सेवाएं शुरू हो गई हैं। फाइल फोटो।

By AgencyEdited By: Publish:Wed, 07 Dec 2022 11:35 PM (IST) Updated:Wed, 07 Dec 2022 11:47 PM (IST)
देश में 50 शहरों तक पहुंचीं 5जी स्पेक्ट्रम सेवाएं, 84 हजार संस्थाओं को स्टार्टअप के रूप में मिली मान्यता
देश में 50 शहरों तक पहुंचीं 5जी स्पेक्ट्रम सेवाएं। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने बुधवार को बताया कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने एक अक्टूबर, 2022 से देश में 5जी सेवाएं उपलब्ध करानी शुरू कर दी हैं और पिछले महीने तक 50 शहरों में 5जी सेवाएं शुरू हो गई हैं। लोकसभा में प्रोफेसर सौगत राय के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने सूचित किया है कि वे वर्तमान में अपने उपभोक्ताओं को बिना किसी अतिरिक्त लागत के 5जी से लैस उपकरणों के साथ 5जी सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। वैष्णव ने कहा कि भारत सरकार ने 72,098 मेगाह‌र्ट्ज (कुल स्पेक्ट्रम का 71 प्रतिशत) आवंटित किया था, जिसकी बोली की राशि 1,50,173.29 करोड़ रुपये थी।

प्याज की कीमतों को स्थिर करने के लिए चालू वर्ष में रिकार्ड खरीदारी

सरकार ने बताया कि प्याज की कीमतों को स्थिर करने के उद्देश्य से चालू वर्ष में मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के बफर स्टाक के लिए 2.51 लाख मीट्रिक टन की रिकार्ड खरीदारी की गई। खुदरा उपभोक्ताओं को प्याज उपलब्ध कराने के लिए सरकारी/सहकारी खुदरा एजेंसियों को रियायती दर पर प्याज की पेशकश की गई है। लोकसभा में राम्या हरिदास के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी।

बफर स्टाक से कुल 1.53 लाख मीट्रिक टन प्याज जारी

गोयल ने बताया कि 30 नवंबर 2022 तक बफर स्टाक से कुल 1.53 लाख मीट्रिक टन प्याज जारी किया जा चुका है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि खाद्य तेलों की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए सरकार ने कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी के तेल पर मूल शुल्क को 2.5 प्रतिशत कम करके शून्य कर दिया और इन तेलों पर उपकर को पांच प्रतिशत कर दिया। उन्होंने बताया कि सरकार ने रिफाइंड पाम तेल के मुक्त आयात को 31 दिसंबर, 2022 तक की अवधि के लिए बढ़ा दिया है ।

टूटे चावल का निर्यात 33 प्रतिशत बढ़कर 24 लाख टन हुआ

चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-सितंबर के दौरान टूटे चावल का निर्यात 33.37 प्रतिशत बढ़कर 23.82 लाख टन हो गया, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 17.86 लाख टन था। वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि भू-राजनीतिक कारणों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में टूटेचालव की मांग में अचानक वृद्धि हुई है।

पिछले चार वर्षों के दौरान तीन गुना बढ़ा निर्यात

एक प्रश्न के उत्तर में लोकसभा में राज्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान निर्यात तीन गुना बढ़ा है। 2018-19 में यह 12.21 लाख टन था जो 2021-22 में बढ़कर 38.90 लाख टन हो गया है। मूल्य के लिहाज से देखें तो 2018-19 में जहां 36.98 करोड़ डालर का निर्यात किया गया था वहीं 2021-22 में यह बढ़कर 1.13 अरब डालर हो गया। टूटे हुए चावल का मुख्य रूप से इस्तेमाल इथेनाल उत्पादन और पाल्टी और पशु चारे के तौर पर किया जाता है।

84,102 संस्थाओं को स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी

सरकार ने इस साल 30 नवंबर तक 84,102 संस्थाओं को स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी है। ये स्टार्टअप जनवरी 2016 में शुरू की गई स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत आयकर लाभ सहित कई प्रोत्साहनों का लाभ उठाने के पात्र हैं। वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने लोकसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि मान्यता प्राप्त स्टार्टटप 56 क्षेत्रों में फैले हैं।

16 जनवरी 2016 को लांच हुआ था स्टार्टअप इंडिया

मालूम हो कि स्टार्टअप इंडिया को सरकार ने 16 जनवरी 2016 को लांच किया था। स्टार्टअप की संख्या के मामले में महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और गुजरात शीर्ष स्थान पर हैं। एक अन्य प्रश्न के उत्तर सोम प्रकाश ने कहा कि इस साल 30 नवंबर तक 10,000 करोड़ रुपये के फंड आफ फंड्स योजना से वैकल्पिक निवेश कोषों को 7,527.95 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इसी तरह, 945 करोड़ रुपये की स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना से 126 इन्क्यूबेटरों को 455.25 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है, जिसमें से 186.15 करोड़ रुपये नवंबर तक वितरित किए जा चुके हैं।

बैंकों के विलय से मजबूत बैंक बनाने में मिली मदद

वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोमप्रकाश ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय से ना केवल ग्राहक सेवा में सुधार हुआ है बल्कि बैंकों को वित्तीय तौर पर मजबूत बनाने में भी मदद मिली है। लोकसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए राज्यमंत्री ने कहा कि बैंकों के विलय का उद्देश्य मजबूत और प्रतिस्पर्धी बैंक बनाना है। उन्होंने कहा कि बैंकों के विलय से बैंक के ग्राहकों को शाखाओं तक पहुंचना आसान हुआ है। उन्हें अपने निकट एटीएम मिलना भी सुलभ हुआ है। विलय से बैंक ऋण देने में और मजबूत बनकर उभरे हैं। सोमप्रकाश इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय से कामकाज आसान हुआ है।

3.8 करोड़ टन कोयले का आयात किया गया

बिजली क्षेत्र द्वारा अप्रैल-अक्टूबर के दौरान 3.8 करोड़ टन कोयले का आयात किया गया। बिजली क्षेत्र द्वारा कोयले का आयात चालू वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान बढ़ा है। 2021-22 के पूरे वर्ष में बिजली क्षेत्र द्वारा 2.7 करोड़ टन के कुल आयात के मुकाबले चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीने में ही 3.8 करोड़ टन कोयले का आयात किया गया। कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि अधिकांश आयात घरेलू कोयला आधारित संयंत्रों के लिए किया गया। वर्तमान आयात नीति के अनुसार कोयले का आयात सामान्य लाइसेंस के तहत किया जा सकता है। केंद्र इस मामले में दखल नहीं देता।

देश में 18 लाख से अधिक इलेक्टि्रक वाहन पंजीकृत

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में 18 लाख से अधिक इलेक्टि्रक वाहन पंजीकृत हैं। उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र ईवी बिक्री में अग्रणी राज्यों के तौर पर उभरे हैं। गडकरी ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि सबसे अधिक इलेक्टि्रक वाहन उत्तर प्रदेश (4,14,978) में पंजीकृत किए गए हैं। इसके बाद दिल्ली (1,83,74) और महाराष्ट्र (1,79,087) का नंबर आता है। महाराष्ट्र में अधिकतम 660 चार्जिंग स्टेशन हैं, इसके बाद दिल्ली में 539 और तमिलनाडु में 439 हैं। उन्होंने कहा कि भारत में कुल 5,151 सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन चालू हालत में हैं।

1,118 लाख टन खाद्यान्न आवंटित : गोयल

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र ने 3.91 लाख करोड़ रुपये की खाद्य सब्सिडी के साथ मुफ्त राशन योजना के तहत अब तक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 1,118 लाख टन खाद्यान्न आवंटित किया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) अप्रैल, 2020 में शुरू की गई थी और इसे कई बार बढ़ाया जा चुका है। सितंबर अंत में इस योजना को दिसंबर, 2022 तक के लिए बढ़ाया गया है। योजना के तहत केंद्र हर महीने 80 करोड़ गरीबों को 5 किलो गेहूं और चावल मुफ्त देता है।

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