बड़ी कार्रवाई: विदेश भेजने के लिए तैयार हो रही 110 करोड़ की नशीली दवाएं जब्‍त

डायरेक्टर ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआइ) ने देश में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए इंदौर से 110 करोड़ का सिंथेटिक ड्रग पकड़ा है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 27 Sep 2018 09:03 AM (IST) Updated:Thu, 27 Sep 2018 09:37 AM (IST)
बड़ी कार्रवाई: विदेश भेजने के लिए तैयार हो रही 110 करोड़ की नशीली दवाएं जब्‍त
बड़ी कार्रवाई: विदेश भेजने के लिए तैयार हो रही 110 करोड़ की नशीली दवाएं जब्‍त

नईदुनिया, इंदौर। डायरेक्टर ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआइ) ने देश में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 110 करोड़ का सिंथेटिक ड्रग पकड़ा है। नौ किलोग्राम पेंटानील हाईड्रोक्लोराइड नामक इस ड्रग को इंदौर में चार जगह छापे मारकर पकड़ा गया।

छोटी सी फैक्टरी लगाकर इसे बनाया जा रहा था। विदेश भेजी जा रहीं नशीली दवाओं के साथ ही मैक्सिको के नागरिक सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

हेरोइन से ज्‍यादा होती हैं नशीली

अफसरों के अनुसार इस तरह की ड्रग अभी तक देश में चलन में नहीं है। यह दवाएं हेरोइन से 10 गुना ज्यादा नशीली होती हैं। यह मैक्सिको भेजने के लिए तैयार हो रही थी। मैक्सिको में इस ड्रग का उपयोग नशे के लिए होता है।

डीआरआइ के क्षेत्रीय कार्यालय ने मैक्सिको के एक नागरिक सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जो इसके निर्माण और तस्करी में शामिल हैं। इस गिरोह में कई और लोगों के भी शामिल होने की आशंका है।

देश में नारकोटिक ड्रग एवं सायकोट्रोपिक सब्सटेंस अधिनियम 1985 बनाया गया था, इसे प्रभावी बनाने के लिए 2014 में संशोधन बिल भी लाया गया। संशोधन के बाद 2015 में नया कानून बना। नशीली दवाओं बढ़ते उपयोग के जरिए इसके खतरे के मद्देनजर 1998 में राष्ट्रीय मादक द्रव्य निवारण संस्थान (एनसीडीएपी) की स्थापना हुई। जिसमें मादक द्रव्य ब्यूरो को एक व्यापक भूमिका प्रदान की गई। इस यूनिट को मादक द्रव्यों की मांग में कमी लाने का काम सौंपा गया है। यह संस्‍था पूरे देश में नशीली दवाओं के कारोबार पर नजर रखती है।

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