UP और बिहार रहे फिसड्डी, शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में केरल टॉप पर

बड़े राज्यों में झारखंड 16वें और बिहार 17वें स्थान पर है और पंजाब व जम्मू कश्मीर का प्रदर्शन इन दोनों राज्यों से भी खराब है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Fri, 27 Sep 2019 09:42 AM (IST) Updated:Fri, 27 Sep 2019 11:29 AM (IST)
UP और बिहार रहे फिसड्डी, शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में केरल टॉप पर
UP और बिहार रहे फिसड्डी, शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में केरल टॉप पर

नई दिल्ली, [हरिकिशन शर्मा]। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन बेहद खराब है। नीति आयोग ने 'स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स' तैयार की है जिसमें 20 बड़े राज्यों की रैंकिंग में यूपी सबसे निचले पायदान पर जबकि केरल पहले नंबर, राजस्थान दूसरे और कर्नाटक तीसरे स्थान पर हैं। खास बात यह है कि बड़े राज्यों में झारखंड 16वें और बिहार 17वें स्थान पर है और पंजाब व जम्मू कश्मीर का प्रदर्शन इन दोनों राज्यों से भी खराब है।

सूत्रों के मुताबिक आयोग ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय और राज्यों के साथ व्यापक विचार विमर्श के आधार पर यह रैंकिंग तैयार की है। इस इंडेक्स की रिपोर्ट पर बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में विचार विमर्श किया गया। जल्द ही इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स 30 इंडीकेटर के आधार पर 20 बड़े राज्यों और आठ छोटे राज्यों की रैंकिंग की गयी है। बड़े राज्यों रैंकिंग में शीर्ष पांच स्थानों पर राजस्थान को छोड़कर शेष चार राज्य दक्षिण के काबिज हैं। दूसरी सबसे खराब प्रदर्शन वाले पांच राज्यों में झारखंड, बिहार, पंजाब, जम्मू कश्मीर और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। हालांकि पश्चिम बंगाल ने इस इंडेक्स में भाग नहीं लिया है। यह इंडेक्स वर्ष 2016-17 के आंकड़ों के आधार पर तैयार की गयी है और इसमें स्कूली विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता बढ़ाने के प्रयासों (लर्निग आउटकम) के मूल्यांकन पर जोर दिया गया है। इसे तैयार करने में विश्व बैंक और अन्य तकनीकी विशेषज्ञों की मदद भी ली गयी है।

सूत्रों ने कहा कि जिन छोटे राज्यों की रैंकिंग अलग से की गयी है उनमें आठ राज्य-मणिपुर, त्रिपुरा, गोवा, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं। जिन छह मानकों पर राज्यों की रैंकिंग की गयी है उनमें शिक्षा की गुणवत्ता, शिक्षा तक पहुंच, शिक्षा के लिए ढांचागत सुविधाएं और प्रशासन जैसे इंडीकेटर शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि राज्यों की रैंकिंग करते समय इस बात पर विशेष जोर दिया गया है कि स्कूलों जिस प्रकार से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, उससे वे कितना सीख रहे हैं। इससे पूर्व नीति आयोग वाटर इंडेक्स और हैल्थ इंडेक्स पर भी राज्यों की रैंकिंग जारी कर चुका है।

स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स पर बड़े राज्यों का प्रदर्शन

रैंक राज्य

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