Bhima Koregaon Violence: भीमा कोरेगांव हिंसा में गौतम नवलखा एनआइए की हिरासत में
Bhima Koregaon violence भीमा कोरेगांव हिंसा में विशेष एनआइए अदालत ने मंगलवार को गौतम नवलखा को 22 जुलाई तक एनआइए की हिरासत में भेज दिया है।
मुंबई, एएनआइ। Bhima Koregaon Violence: भीमा कोरेगांव हिंसा में विशेष एनआइए अदालत ने मंगलवार को गौतम नवलखा को 22 जुलाई तक एनआइए की हिरासत में भेज दिया है। एक विशेष अदालत ने रविवार को एलगार परिषद मामले के आरोपित गौतम नवलखा की स्वत: जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी। नवलखा ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 167 के तहत यह कहते हुए स्वत: जमानत की मांग की थी कि वह 90 दिनों से ज्यादा की अवधि से हिरासत में हैं। कोर्ट ने नवलखा व आनंद तेलतुंबडे के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने की अवधि 90 दिनों से बढ़ाकर 180 दिन करने संबंधी एनआइए की याचिका भी स्वीकार कर ली थी।
एजेंसी की दलीलों पर विचार करते हुए विशेष जज दिनेश कोथलीकर ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि नवलखा की नजरबंदी काल को हिरासत अवधि में जोड़ा जाना चाहिए। गौरतलब है कि 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में एलगार परिषद का आयोजन किया गया था। अगले दिन कोरोगांव भीमा में हिंसा हो गई थी। पुलिस ने नक्सलियों से संबंध रखने तथा हिंसा भड़काने समेत अन्य आरोपों में नवलखा, तेलतुंबडे आदि पर मुकदमा दर्ज किया था। इसी साल जनवरी में मामले की जांच एनआइए को सौंपी गई है।
एलगार परिषद मामले के एक अन्य आरोपित वरवर राव के परिजनों ने उनकी सेहत के प्रति चिंता जताते हुए प्राधिकारियों से बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने की मांग की है। फिलहाल वे तलोजा जेल में बंद हैं। ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में वरवर राव की पत्नी, बेटी व अन्य ने दावा किया कि 28 मई को बेहोशी की हालत में उन्हें मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। तीन दिनों बाद उन्हें वापस जेल भेज दिया गया, जबकि उनकी हालत ठीक नहीं थी। शनिवार को उनसे हुई बातचीत में लगा कि उनकी मानसिक हालत ठीक नहीं है। वे ठीक से बात भी नहीं कर पा रहे थे।