Maharashtra: राजनीतिक स्क्रिप्ट पर अभिनय कर रहे सोनू सूद: शिवसेना

Shiv Sena. शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखे अपने कॉलम में राउत ने महाराष्ट्र में लॉकडाउन के दौरान समाज में अचानक महात्मा सूद के उदय पर सवाल किया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 07 Jun 2020 07:58 PM (IST) Updated:Sun, 07 Jun 2020 07:58 PM (IST)
Maharashtra: राजनीतिक स्क्रिप्ट पर अभिनय कर रहे सोनू सूद: शिवसेना
Maharashtra: राजनीतिक स्क्रिप्ट पर अभिनय कर रहे सोनू सूद: शिवसेना

मुंबई, प्रेट्र। Shiv Sena. प्रवासी कामगारों की मदद के लिए सोनू सूद की देश-विदेश में जमकर तारीफ हो रही है, लेकिन महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना को इसमें भी राजनीति दिखाई देती है। पार्टी नेता संजय राउत ने रविवार को आश्चर्य जताते हुए कहा कि कहीं लॉकडाउन के दौरान प्रवासी कामगारों को उनके घर तक पहुंचाने में मदद के लिए अभिनेता सोनू सूद को भाजपा ने तो आगे नहीं किया। इसका उद्देश्य राजनीतिक लाभ उठाना और राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार को बदनाम करना हो सकता है।

शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखे अपने कॉलम में राउत ने महाराष्ट्र में लॉकडाउन के दौरान समाज में अचानक 'महात्मा सूद' के उदय पर सवाल किया। उन्होंने गत वर्ष के आम चुनाव से पहले के एक स्टिंग ऑपरेशन का हवाला देते हुए कहा कि सूद भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के कायरें का अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर प्रचार करने के लिए तैयार थे।

राउत ने कहा कि सूद एक अभिनेता हैं, जिनका पेशा दूसरों की लिखी स्क्रिप्ट  (पटकथा) पर अभिनय करना और उससे आजीविका चलाना है। यहां सूद जैसे कई लोग हैं जो अच्छी रकम मिलने पर किसी भी राजनीतिक दल का प्रचार करेंगे।

संसद में शिवसेना के चीफ व्हिप व सामना के कार्यकारी संपादक राउत ने आरोप लगाया कि भाजपा ने सोनू सूद को गोद (राजनीतिक तौर पर) लिया व उत्तर भारतीय प्रवासी कामगारों के बीच प्रभाव बनाने का प्रयास किया। हालांकि, कोई भी बुद्धिमान व्यक्ति सूद के इस अचानक उदय पर विश्वास नहीं करेगा।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को जानकारी दी गई कि महाराष्ट्र से 11 लाख से ज्यादा प्रवासी कामगार अपने मूल स्थानों को लौट गए हैं। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ प्रवासी कामगारों के मामले की सुनवाई कर रही थी। इस दौरान विभिन्न राज्यों की ओर से पेश वकीलों ने अपने यहां से लौटने अथवा आने वाले प्रवासी कामगारों को विवरण पेश किया। महाराष्ट्र और गुजरात ने बताया कि उनके यहां से क्रमश: 11 लाख और 20.5 लाख से ज्यादा प्रवासी कामगार वापस जा चुके हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश के वकीलों ने बताया कि उनके यहां अभी तक 28 लाख और 21.69 लाख प्रवासी कामगार पहुंचे हैं।

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