इंदौरः दिव्यांगों को बनाया सबल, हर साल शहीदों के परिवार होते हैं सम्मानित

इंदौरवासियों की यह खासियत रही है कि जब भी बात शहर की आती है तो लोग अपनी ओर से हर संभव प्रयास करते हैं। यहां के व्यवसायियों की बात करें तो अपने सामाजिक दायित्व निभाने में भी यह अव्वल हैं।

By Gaurav TiwariEdited By: Publish:Sat, 01 Sep 2018 06:00 AM (IST) Updated:Sat, 01 Sep 2018 06:00 AM (IST)
इंदौरः दिव्यांगों को बनाया सबल, हर साल शहीदों के परिवार होते हैं सम्मानित

इंदौर, नई दुनिया प्रतिनिधि। जब आप व्यवसाय में सफल होते हैं तो इसमें कहीं न कहीं शहर और समाज का योगदान भी होता है। सफलता के शीर्ष पर पहुंचने के बाद जब आप समाज से लिया समाज को लौटाना शुरू करते हैं तो यह प्रतिष्ठा के रूप में आपको ही वापस मिलता है।

इंदौरवासियों की यह खासियत रही है कि जब भी बात शहर की आती है तो लोग अपनी ओर से हर संभव प्रयास करते हैं। यहां के व्यवसायियों की बात करें तो अपने सामाजिक दायित्व निभाने में भी यह अव्वल हैं। अपना स्वीट्स समूह के संचालक प्रकाश राठौर ने इस दिशा में शहर के सामने एक उदाहरण स्थापित किया है। वे दिव्यांगों को नौकरी देकर मुख्य धारा से जोडते हैं तो हर दिन शासकीय स्कूल की सैकडों छात्राओं को नियमित यहां से नाश्ता जाता है। इसके साथ ही वे कई अन्य सामाजिक गतिविधियों में जुडे हैं। 

प्रकाश राठौर बताते हैं कि दिव्यांग होना किसी तरह की दुर्बलता नहीं है। आप इन्हें काम करता देखेंगे तो यकीन आएगा कि वे लोग भी किसी सामान्य व्यक्ति  की तरह काम करते हैं। कई बार दिव्यांगों को लोग समाज की मुख्य धारा से अलग कर देते हैं तो कई बार आत्मविश्वास के अभाव में दिव्यांग ही खुद को मुख्यधारा से अलग महसूस करते हैं। मैंने करीब 126 दिव्यांग लोगों को नौकरी दी है, लेकिन सबसे खुशी की बात यह है कि हमारे यहां दिव्यांगों को काम करते देख दूसरे लोगों ने भी उन्हें नौकरी देना शुरू किया है। इसके साथ ही हर साल एमवाय हॉस्पिटल में अपना समूह की ओर से दवाईयों के लिए तीन लाख रुपए की मदद की जाती है। पीसी सेठी अस्पताल में हर डायलिसिस का 50 प्रतिशत खर्च अपना समूह उठाता है। माचल क्षेत्र में प्लांट स्थापित किया तो साथ में वहां 15 हजार पौधे रोप कर क्षेत्र को हरियाली से पूर्ण भी बनाया। क्लॉथ मार्केट में एक परमानेंट बेड समूह के नाम पर है। 

तिरंगा अभियान ने बनाई विशेष पहचान 
अपना समूह तिरंगा अभियान ने पूरे देश में अपनी विशेष पहचान बनाई है। इसमें हर 15 अगस्त और 26 जनवरी पर किसी शहीद के परिवार द्वारा ध्वजारोहण किया जाता है। शहीद के परिवार को समिति की ओर से एक लाख रुपए की राशि भी दी जाती है। हाल ही में शहीद औरंगजेब के परिजनों को सम्मानित किया गया। 

20 साल से लगातार दवा वितरण
20 साल से समूह के प्रतिष्ठानों पर टाइफाइड की दवा का लगातार निशुल्क वितरण किया जा रहा है। लाखों लोग इससे लाभांवित भी हो चुके हैं। केरल पीडितों की मदद के लिए भी जगह जगह डोनेशन बॉक्स लगाए हैं। जितनी मदद लोग करेंगे ठीक उतनी राशि अपना समूह दे रहा है। अपनी सिटी पर प्राइड करने और उसकी बेहतरी के लिए काम करने की जिम्मेदारी हर सभी की है। ऐसे लोगों से सीख लेकर सभी को बेहतरी के लिए एक साथ आना चाहिए।

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