Move to Jagran APP

MP: पांच माह में ही दिग्गज नेताओं के क्षेत्र में इतने प्रतिशत तक घटा मतदान, मोहन सरकार के इन मंत्रियों के क्षेत्रों का क्या है हाल?

मध्य प्रदेश में दूसरे चरण की छह सीटों पर शुक्रवार को हुए मतदान के फीका रहने से दिग्गज नेताओं को भी झटका लगा है। केवल पांच माह के भीतर ही दिग्गज नेताओं के क्षेत्रों में मतदान 29 प्रतिशत तक घट गया। मत प्रतिशत में सर्वाधिक कमी भाजपा से नौ बार के विधायक गोपाल भार्गव के निर्वाचन क्षेत्र रहली में सामने आई।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Published: Sat, 27 Apr 2024 11:32 PM (IST)Updated: Sat, 27 Apr 2024 11:32 PM (IST)
पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव के रहली विधानसभा क्षेत्र में आई सबसे अधिक कमी

वैभव श्रीधर, भोपाल। मध्य प्रदेश में दूसरे चरण की छह सीटों पर शुक्रवार को हुए मतदान के फीका रहने से दिग्गज नेताओं को भी झटका लगा है। इसमें 58.37 प्रतिशत औसत मतदान हुआ जो पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले 9.36 प्रतिशत कम है।

loksabha election banner

केवल पांच माह के भीतर ही दिग्गज नेताओं के क्षेत्रों में मतदान 29 प्रतिशत तक घट गया। मत प्रतिशत में सर्वाधिक कमी भाजपा से नौ बार के विधायक गोपाल भार्गव के निर्वाचन क्षेत्र रहली में सामने आई, जो दमोह लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। यहां पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव की तुलना में मतदान 29 प्रतिशत घट गया।

मत प्रतिशत में आई कमी

मोहन सरकार के चार मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र में भी मतदान में 21 से लेकर 13 प्रतिशत तक कमी आई। भाजपा कम मतदान को लेकर आकलन कर रही है तो मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय भी जिला निर्वाचन अधिकारियों से फीडबैक ले रहा है ताकि बाकी दो चरणों के चुनाव में और यथासंभव प्रयास कर लिए जाएं।

दूसरे चरण में इन सीटों पर हुआ मतदान

दूसरे चरण में रीवा, सतना, दमोह, खजुराहो, टीकमगढ़ और होशंगाबाद में मतदान हुआ। नवंबर, 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश में रिकार्ड 77.15 प्रतिशत मतदान हुआ था, तब यह संभावना जताई जा रही थी कि लोकसभा चुनाव में भी मतदाता मतदान के रिकार्ड तोड़ देंगे।

पहले चरण में औसत 67.75 प्रतिशत रहा मतदान

पहले चरण की सीधी, शहडोल, मंडला, जबलपुर, बालाघाट और छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर औसत मतदान 67.75 प्रतिशत रहा, जो वर्ष 2019 के 75.23 प्रतिशत की तुलना में 7.48 कम रहा। इसे देखते हुए चुनाव आयोग के साथ भाजपा और कांग्रेस सक्रिय हुई।

अपने-अपने हिसाब से देख रहे भाजपा और कांग्रेस के नेता

मतदान केंद्र स्तर पर अधिकारी-कर्मचारी और कार्यकर्ता इस आशा के साथ उतारे गए कि दूसरे चरण में पहले चरण के चुनाव में कम मतदान से औसत मतदान में जो कमी आई थी, वह पूरी हो जाएगी पर खाई भरने के स्थान पर और गहरी हो गई।

भाजपा और कांग्रेस नेता इसे अपने-अपने हिसाब से देख रहे हैं पर जीत के दावे भी कर रहे हैं। भाजपा के लिए कम मतदान इसलिए भी चिंतनीय है क्योंकि वह प्रत्येक मतदान केंद्र पर 370 अतिरिक्त वोट प्राप्त करने के लक्ष्य को लेकर मैदान में जुटी थी।

यह भी पढ़ेंः MSC Aries Ship: ईरान में फंसे 16 भारतीयों की कब होगी रिहाई? ईरानी विदेश मंत्री ने दिया यह बड़ा अपडेट

यह भी पढ़ेंः Weather Update: कहीं पर लू तो कुछ राज्यों में बारिश के आसार, क्या है आपके राज्य का हाल? ओडिशा में मौसम का रेड अलर्ट


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.