स्वच्छता के प्रति अलख जगाने का मिशन, स्कूली बच्चों को किया जागरूक

प्रदेश की जनसंख्या का सबसे बड़ा हिस्सा ग्रामीण अंचलों में निवास करता है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की वित्तीय साक्षरता न के बराबर है।

By Nandlal SharmaEdited By: Publish:Fri, 14 Sep 2018 06:00 AM (IST) Updated:Fri, 14 Sep 2018 06:00 AM (IST)
स्वच्छता के प्रति अलख जगाने का मिशन, स्कूली बच्चों को किया जागरूक

इनकी संख्या भले ही कम हो, लेकिन देश में कई कंपनियां ऐसी हैं जो सामाजिक दायित्व की जिम्मेदारी निभा रही हैं। यदि बड़ी कंपनियां अपनी कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी को सही तरीके से निभाएं तो उनके कार्यक्षेत्र के आसपास स्थित बड़ी आबादी को इसका लाभ मिलता है। एचडीएफसी बैंक शिक्षा, स्वास्थ्य, जीविकोपार्जन निर्माण, दक्षता विकास और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान में महती भूमिका निभा रहा है।

अपने कर्मचारियों के साथ ही इंदौर स्थित पूरे प्रदेश भर में सीएसआर के तहत बैंक ने अपनी वित्तीय सेवाओं से आगे बढ़ते हुए गत दो वर्षों में ही 4.85 लाख से अधिक प्रदेशवासियों को प्रत्यक्ष रूप से लाभांवित किया है। इसमें गरीब तबके के किसानों की जमीन को खेती लायक बनाने से लेकर सोलर पैनल स्थापित करना, गृहणियों के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम, स्कूली बच्चों के लिए हाइजीन प्रोग्राम आदि बड़े स्तर पर चलाए हैं।

2011 की जनगणना के अनुसार मध्यप्रदेश की 40 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या एससी-एसटी कैटेगरी से है। इनके पास जो जमीन है, वह ज्यादातर या तो जंगल का रूप ले चुकी है या फिर बंजर है। ऐसी जमीन को खेती योग्य बनाने के लिए बैंक ने बांध, जलमार्ग अवरोधक, पीपा चेक डैम आदि का निर्माण कराने के साथ जमीन को ट्रीट किया।

इस प्रोजेक्ट में प्रदेश के 3800 किसानों को प्रशिक्षित करने के साथ 1290 एकड़ भूमि को ट्रीट किया गया। साथ ही 1130 किचन गॉर्डन, 100 से ज्यादा घरों में बॉयोगैस, 550 से ज्यादा बॉयोमॉस स्टोव्स और 920 से ज्यादा सोलर लाइट लगाई गईं। प्रदेश के 13 शहरों के 138 गांव में 33801 परिवारों को लाभांवित किया। आज यह परिवार अपनी जमीन पर खेती कर खुशहाल जीवन की ओर बढ़ने को तैयार हैं।

इसके साथ ही शहर में स्थित मप्र-छग के हेड क्वार्टर एचडीएफसी बैंक हाउस के तत्वावधान में लोकल स्तर पर भी कई सामाजिक कार्य अलग-अलग मौकों पर किए जाते रहते हैं। 9090 गृहणियों को स्किल डेलवपमेंट की ट्रेनिंग दी। इसमें से कई महिलाओं को बैंक ने अपने स्तर पर रोजगार भी उपलब्ध कराया है।

ढाई लाख से अधिक लोगों को किया प्रशिक्षित
प्रदेश की जनसंख्या का सबसे बड़ा हिस्सा ग्रामीण अंचलों में निवास करता है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की वित्तीय साक्षरता न के बराबर है। इनका बैंकिंग फोल्ड में प्रतिशत भी बहुत कम है। इन ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बैकिंग सिस्टम से जोड़ने और अपनी राशि का सही निवेश कर अच्छा लाभ अर्जित करने के लिए बैंक ने प्रदेश में वृहद स्तर पर वित्तीय साक्षरता शिविर लगाए। 35 हजार से ज्यादा वित्तीय साक्षरता शिविरों के जरिए करीब ढाई लाख लोगों को बैंकिंग फोल्ड में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया।

स्कूली बच्चों को बताई स्वच्छता की 'दिशा'
बैंक ने करीब दो वर्ष पहले मध्यप्रदेश सहित चार राज्यों के 172 स्कूलों में प्रोजेक्ट दिशा की शुरुआत की थी। इसमें बच्चों को बिहेवियरल चेंज और हाइजीन के प्रति जागरूक किया गया। मध्य प्रदेश के 6 जिलों में 4050 स्टूडेंट्स को इसका लाभ मिला। प्रोजेक्ट दिशा के तहत कम सुविधा वाले स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों के समकक्ष लाने के लिए 27 साइंस लैब की स्थापना भी कराई गई है। हाईजीन के लिए बैंक ने 790 से ज्यादा स्कूलों में सैनिटेशन यूनिट स्थापित कीं और 2200 घरों में टॉयलेट बनवाए।

chat bot
आपका साथी