शॉर्ट ट्रिप के लिए बेहतरीन जगह है झांसी, इन जगहों की सैर बना देगी आपका सफर यादगार

भागदौड़ भरी जिंदगी से ब्रेक लेकर एक से दो दिन किसी अच्छी जगह घूमने जाना चाहते हैं तो झांसी का प्लान बनाएं। यहां कई ऐसी जगहें हैं जो बना देंगी ट्रिप यादगार। चलते हैं इसके सफर पर।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Fri, 06 Sep 2019 04:11 PM (IST) Updated:Fri, 06 Sep 2019 04:11 PM (IST)
शॉर्ट ट्रिप के लिए बेहतरीन जगह है झांसी, इन जगहों की सैर बना देगी आपका सफर यादगार
शॉर्ट ट्रिप के लिए बेहतरीन जगह है झांसी, इन जगहों की सैर बना देगी आपका सफर यादगार

झांसी शहर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का वह अटूट हिस्सा है जिसके बिना आजादी की महागाथा अधूरी है। मध्य, पश्चिमी और दक्षिणी भारत के मध्य में स्थित यह जगह चंदेल राजाओं का गढ़ हुआ करता था। तो अगर आप झांसी घूमने का प्लान कर रहे हैं तो इन जगहों की सैर बिल्कुल भी मिस न करें।

दतिया स्थित पीतांबरा पीठ

जिला मुख्यालय झांसी से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मप्र के दतिया में राजसत्ता की देवी मां पीताम्बरा व तंत्र साधना की देवी मां धूमावती का मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि दस में से दो महाविद्याओं का केन्द्र इसे माना जाता है। इसकी स्थापना 1935 में कराई गई थी। जहां दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां तंत्र साधना के लिए आते हैं। मां पीताम्बरा के दर्शन तो हर रोज मिल जाते हैं, लेकिन हजारों लोग यहां शनिवार के दिन मां धूमावती के दर्शन के लिए दूर दूर से आते हैं। लोग इसे एक ऐतिहासिक घटना के संदर्भ में भी याद करते हैं। बताया जाता है कि जब 1962 में चीन ने भारत पर आक्रमण कर दिया था, तब इसे टालने के लिए पं.जवाहर लाल नेहरु को मुख्य यजमान बनाकर 51 कुंडीय यज्ञ का आयोजन यहां किया गया था। यज्ञ के 9वें दिन संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से यह संदेश मिल गया था कि चीन ने आक्रमण रोक दिया है,और 11 दिन जब पूर्णाहुति दी जा रही थी तब तक चीन की सेना वापस हो गई थी।

ओरछा: बुंदेलखंड का अयोध्या

मप्र में बुंदेलखंड के निवाड़ी जिले में आने वाले ओरछा को 'बुंदेलखंड का अयोध्या' कहा जाता है। ओरछा में भगवान श्रीराम का करीब 400 वर्ष पूर्व राज्याभिषेक होने के बाद अभी भी यहां पर भगवान राम को राजा के रुप में माना जाता है, जहां पर रामराजा सरकार को 'गार्ड ऑफ आर्नर' भी दिया जाता है। यह मंदिर झांसी से 16 किलोमीटर की दूरी पर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। ओरछा में सिर्फ रामराजा की ही सत्ता चलती है। ओरछा की चारदीवारी के अंदर न तो किसी राजनेता को सलामी दी जाती है और न ही कोई मंत्री अथवा अधिकारी अपनी गाड़ी की बत्ती जलाकर आता है। रामराजा को यहां चारों वक्त सशस्त्र बल द्वारा सलामी दी जाती है। मंदिर में यहां पर भगवान श्रीराम को आज भी राजा के रुप में पूजा जाता है।

बरुआ सागर

यह जगह झांसी से 21 किमी दूर खजुराहो मार्ग पर स्थित है। बरुआ सागर एक ऐतिहासिक स्थान है, यहां 1744 में पेशवा के सैनिकों और बुंदेलों के बीच युद्ध लड़ा गया था। इस जगह का नाम एक विशाल झील बरुआ सागर ताल के नाम पर है जो ओरछा के राजा उदित सिंह द्वारा नदी पर बाँध बनाये जाने के दौरान लगभग 260 साल पहले बना था। बांध की संरचना वास्तुकला और अभियांत्रिकी का एक अनूठा उदाहरण है। उनके द्वारा बनाया गया एक पुराना किला यहां ऊंचाई पर सुंदरता से स्थित है जहां से किला झील और आसपास के परिदृश्य देखते बनता है।

कैसे और कब?

रेलमार्ग और हवाई मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है। निकटतम हवाई अड्डा ग्वालियर है। झांसी की सैर के लिए उपयुक्त समय नवंबर से मार्च के बीच है। इस समय बारिश में भी आप यहां की सैर कर सकते हें। बारिश में नहाए किले और पर्यटक स्थलों की रौनक और खिली नजर आती है। 

chat bot
आपका साथी