चीन के बाद विश्‍व की दूसरी सबसे बड़ी दीवार है कुंभलगढ़ किले की

कुंभलगढ़ किले की दीवार विश्व की दूसरी सबसे बड़ी दीवार है जो 36 किलोमीटर लम्बी है और 15 फीट चौड़ी है। कहा जाता है इस पर एक साथ पांच घोड़े दौड़ सकते हैं। जानते हैं इसकी दूसरी खासियत।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Tue, 27 Nov 2018 04:36 PM (IST) Updated:Tue, 27 Nov 2018 04:36 PM (IST)
चीन के बाद विश्‍व की दूसरी सबसे बड़ी दीवार है कुंभलगढ़ किले की
चीन के बाद विश्‍व की दूसरी सबसे बड़ी दीवार है कुंभलगढ़ किले की

राजस्थान के राजसमन्द जिले में स्थित कुंभलगढ़ किला भारत के सर्वश्रेष्ठ किलों में शामिल है जिसे 15वीं शताब्दी में राणा कुंभा ने बनवाया था। इस किले की दीवार विश्व की दूसरी सबसे बड़ी दीवार है जो 36 किलोमीटर लम्बी है और 15 फीट चौड़ी है। कहा जाता है इस पर एक साथ पांच घोड़े दौड़ सकते हैं। किले के अंदर 360 से ज्यादा मंदिर हैं जिनमें से 300 प्राचीन जैन मंदिर और बाकि हिन्दू मंदिर हैं। यह एक अभेद्य किला है जिसे दुश्मन कभी नहीं जीत पाए। किले के चारों ओर बड़ी दीवार बनी हुई है जो चीन के बाद विश्‍व की दूसरी सबसे बड़ी दीवार है।

राजस्थान के आमेर, जैसलमेर, रणथम्बौर, चित्तौड़गढ़ और कुंभलगढ़ किले को साल 2013 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट की सूची में शामिल किया गया है।

किले की बनावट

किले का निर्माण 1443 में शुरू हुआ था और पूरे 15 वर्षों बाद 1458 में बनकर पूरा हुआ। इस किले में ऊंचे स्थानों पर महल, मंदिर व आवासीय इमारतें बनाई गई और समतल भूमि का इस्तेमाल खेती-बाड़ी के लिए किया गया। वहीं ढलान वाले भागों का उपयोग जलाशयों के लिए कर इस दुर्ग को यथासंभव स्वाबलंबी बनाया गया।

इस दुर्ग के भीतर एक और गढ़ है जिसे कटारगढ़ के नाम से जाना जाता है। यह गढ़ सात विशाल द्वार व सुद्रढ़ प्राचीरों से सुरक्षित है। इस गढ़ के शीर्ष भाग में बादल महल है व कुम्भा महल सबसे ऊपर है। महाराणा उदय सिंह को भी पन्ना धाय ने इसी दुर्ग में छिपा कर पालन पोषण किया था।

कब आएं

अक्टूबर से मार्च का महीना यहां घूमने-फिरने के लिए परफेक्ट है। जब मौसम खुशगवार होता है। गर्मियों में यहां आने की प्लानिंग बिल्कुल न करें क्योंकि उस दौरान तापमान 32 से 45 डिग्री होता है वहीं मानसून में बहुत ज्यादा बारीश होती है।

कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग- उदयपुर यहां का नज़दीकी एयरपोर्ट है जहां से कुंभलगढ़ दो घंटे की ड्राइव करके पहुंचा जा सकता है। दिल्ली, मुंबई से यहां के लिए फ्लाइट अवेलेबल हैं। इसके अलावा अहमदाबाद का सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी है जहां से कुंभलगढ़ पहुंचने में 4-5 घंटे का समय लगता है।

रेल मार्ग- फालना, यहां तक पहुंचने का नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। जहां से कुंभलगढ़ की दूरी 84 किमी है। सभी बड़े शहरों से यहां तक के लिए ट्रेनें अवेलेबल हैं।

सड़क मार्ग- राजसमंद से कुंभलगढ़ की दूरी 48 किमी, नाथद्वार से 51 किमी, सदरी से 60 किमी उदयपुर से 105, भीलवाड़ा से 157 किमी, जोधपुर से 207 किमी, अजमेर से 213 किमी और जयपुर से 345 किमी है। तो कैब और टैक्सी बुक करके यहां के खूबसूरत नज़ारों का मजा लेते हुए यहां पहुंच सकते हैं। 

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