चांद की करना चाहते हैं सैर, तो एक बार जरूर जाएं मूनलैंड

यह जगह भारत के कशमीर में स्थित है और यह लेह से महज 127 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस जगह का नाम लामायुरू गांव है। दुनियाभर से लोग लामायुरू गांव घूमने आते हैं। खासकर मूनलैंड की दीदार के लिए जरूर आते हैं।

By Umanath SinghEdited By: Publish:Fri, 09 Oct 2020 01:20 PM (IST) Updated:Sat, 10 Oct 2020 10:35 AM (IST)
चांद की करना चाहते हैं सैर, तो एक बार जरूर जाएं मूनलैंड
दुनियाभर से लोग लामायुरू गांव घूमने आते हैं।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। आधुनिक समय में लोग चांद पर अपना आशियाना बनाने की कोशिश में जुटे हैं। इसके लिए कुछ लोगों ने बकायदा चांद पर जमीन भी खरीदी है। वैसे अंतरिक्ष में जमीन खरीदना और बेचना गैरकानूनी है। इसके लिए सन 1967 ई में एक कानून बनाया गया था, जिसमें चांद और तारे पर जमीन खरीदने और बेचने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई। इस समझौते पर भारत समेत 104 देशों ने हस्ताक्षर कर सहमति जताई थी।

वर्तमान समय में चांद पर आशियाना बसाना बेहद मुश्किल है। ऐसे में लोग चांद की जमीन केवल अपने नाम कराते हैं। हालांकि, चांद पर सैर करने की चाहत रखने वाले लोगों को निराश होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत में एक ऐसी जगह है। जहां आप चांद की सैर कर सकते हैं। इस जगह को मूनलैंड के नाम से पूरी दुनिया जानती है। अगर आप भी घूमने के शौकीन हैं और चांद की सैर करना चाहते हैं, तो आप मूनलैंड जा सकते हैं। आइए मूनलैंड के बारे में विस्तार से जानते हैं-

मूनलैंड कहां है

यह जगह भारत के कशमीर में स्थित है और यह लेह से महज 127 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस जगह का नाम लामायुरू गांव है। दुनियाभर से लोग लामायुरू गांव घूमने आते हैं। खासकर मूनलैंड की दीदार के लिए जरूर आते हैं। हिंदी में इसे चांद की जमीन कहा जाता है। यह गांव 3,510 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

क्या है खासियत

ऐसा कहा जाता है कि पहले इस जगह पर झील थी जो बाद में सुख गई। लामायुरू गांव  में एक मठ भी है जो आकर्षण का केंद्र है। जबकि झील की पीली-सफेद मिट्टी बिल्कुल चांद की जमीन की तरह दिखती है। पूर्णिमा की रात को जब चांद की रोशनी इस पर पड़ती है, तो मिट्टी चांद जैसी चमकने और दिखने लगती है।  

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