Ram Navami 2024: जीवन में उतार लें भगवान राम के ये 5 गुण, कभी नहीं देखना पड़ेगा हार का मुंह

राम भक्तों के लिए रामनवमी (Ram Navami 2024) का पर्व काफी अहमियत रखता है। हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी मनाई जाती है जो कि इस बार 17 अप्रैल को है। आइए इस मौके पर आपको याद दिलाते हैं भगवान राम के ऐसे 5 गुण जो उन्हें दुनियाभर के करोड़ों लोगों का आदर्श बनाते हैं। आइए जानें।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Publish:Tue, 16 Apr 2024 03:02 PM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2024 03:10 PM (IST)
Ram Navami 2024: जीवन में उतार लें भगवान राम के ये 5 गुण, कभी नहीं देखना पड़ेगा हार का मुंह
Ram Navami 2024: सफल जीवन के लिए श्रीराम के इन गुणों से ले सकते हैं सीख

HighLights

  • हिंदू धर्म में राम नवमी का दिन विशेष महत्व रखता है।
  • श्रीराम के जीवन से सीख लेने के लिए काफी कुछ मिल सकता है।
  • भगवान राम के विशेष गुण ही उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम बनाते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। राम नवमी (Ram Navami 2024) का पर्व इस साल 17 अप्रैल, बुधवार को मनाया जा रहा है। मान्यता है, कि इस दिन भगवान विष्णु के अवतार श्री राम का जन्म हुआ था। आज भी जब एक अच्छे पुत्र, भाई, मित्र या किसी अन्य रिश्ते की बात आती है, तो भगवान राम का जीवन लोगों को बड़ी सीख देता है। ऐसे में क्या आप जानते हैं श्रीराम के वे गुण, जो उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम, यानी पुरुषों में उत्तम बनाते हैं? आइए इस आर्टिकल आपको ऐसे 5 गुणों के बारे में बताते हैं, जिन्हें अपनी जिंदगी में उतारकर आप भी हर मोड़ पर सफलता पा सकते हैं।

धैर्य

भगवान राम धैर्य की पराकाष्ठा सिखाते हैं। चाहे फिर वनवास हो, या फिर समुद्र से लंका के लिए रास्ता बनाने का आग्रह करना हो। जिंदगी में धैर्य यानी पेशेंस रखना बेहद जरूरी होता है, जो हर रिश्ते में काम आता है। हालांकि धैर्य के साथ-साथ श्रीराम ये भी सिखाते हैं, कि कौन-सा काम प्रेम या समझ से हो सकता है, और किस जगह धनुष की जरूरत है। इसलिए आपको भी पता होना चाहिए, कि क्रोध का सही इस्तेमाल कैसे करना है, और गैर जरूरी जगह पर इससे कैसे बचना है।

उदारता

आज भी जब दया, करुणा और उदारता की बात आती है, तो श्री राम की कोमल छवि सभी के सामने आती है। चाहे इंसान हो, पशु हो या फिर राक्षस, भगवान राम ने कभी किसी से द्वेष नहीं रखा, और हर किसी का भला ही चाहा। उन्होंने रावण को समझने का कई बार मौका दिया, जिससे युद्ध से होने वाले राक्षसों के नुकसान को टाला जा सके।

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विद्वता

जीवन में सफल होने के लिए अपने क्षेत्र का भरपूर ज्ञान या नॉलेज होनी काफी जरूरी है। श्रीराम परम विद्वान भी थे और उन्होंने चारों वेदों का अध्ययन किया था। बता दें, अगर आप भी चार लोगों के बीच किसी भी मुद्दे पर ज्ञान के मामले में हार का सामना नहीं करना चाहते हैं, तो उनका चीजों को लेकर गहरे अध्ययन का ये गुण अपनी जिंदगी में जरूर उतार लीजिए।

मित्रता

भगवान राम एक-दो नहीं, अनेकों गुणों के धनी हैं। उनका स्वभाव हमेशा मित्रता का ही रहा है, जिसके चलते निषादराज, केवट और सुग्रीव ही नहीं, बल्कि लंका में रहने वाले विभीषण भी उनके परम मित्र बन गए थे। ये एक ऐसा गुण है, जो जीवन के हर पड़ाव पर आपको सफलता का रास्ता दिखाएगा, अच्छे दोस्त पास होने से आप न सिर्फ आने वाली कई मुसीबतों से पहले ही बच जाते हैं, बल्कि जिंदगी में रास्ता भटकने पर सही फैसले भी ले पाते हैं।

कुशल प्रबंधन

श्रीराम हमेशा सभी को साथ लेकर चलते दिखाई दिए हैं। उनकी इसी नेतृत्व क्षमता के चलते लंका जाने के लिए समुद्र को लांघना भी आसान हो सका। कुशल प्रबंधन या अच्छे मैनेजमेंट का ये गुण सभी की जिंदगी में जरूर होने चाहिए। उम्र के हर पड़ाव पर आपको इससे फायदा ही हाथ लगेगा, फिर चाहे आप स्टूडेंट हों, वर्किंग हों या हाउसमेकर। अच्छा नेतृत्व हर जगह काम आता है और समाज को ऐसे ही लोगों की जरूरत है।

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Picture Courtesy: Freepik

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