स्प्रिंग और समर में बच्चों को कैसे सेफ रखें- अपनायें ये टिप्स

गर्मी का मौसम आने ही वाला है। ऐसे में छोटे बच्चों की सावधानीपूर्वक देखभाल करना बहुत जरुरी हो जाता है। ध्यान रखें इन बातों का और रखें उन्हें इस हार्मफुल मौसम से दूर।

By Srishti VermaEdited By: Publish:Thu, 02 Mar 2017 03:04 PM (IST) Updated:Fri, 03 Mar 2017 09:03 AM (IST)
स्प्रिंग और समर में बच्चों को कैसे सेफ रखें- अपनायें ये टिप्स
स्प्रिंग और समर में बच्चों को कैसे सेफ रखें- अपनायें ये टिप्स

हर पेंरेंट ये चाहते हैं कि उनके बच्चों की स्किन हर बदलते मौसम के साथ मुलायम, चिकने, खूबसूरत और फ्रेश रहे।आपका बेबी निसंकोच जन्म के समय काफी परफेक्ट स्किन के साथ इस दुनिया में आया हो लेकिन समय के साथ उसे एक अच्छे देखभाल की बहुत जरुरत पड़ती है।
गर्मी को मौसम में हानिकारक युवी किरणें, गर्म हवायें यहां तक कि वॉशिंग पाउडर जैसे सामान भी उनके स्किन को नुक्सान पहुंचा सकती हैं।
गर्मी का मौसम स्किन पर रैशेज बनने का पहला कारण होता है। छोटे बच्चों में इस मौसम के प्रभाव से त्वचा में जलन जैसी समस्या भी आम होती है। ऐसे में उन्हें इस जलन से कैसे बचायें, जानें-

सूरज की हानिकारक किरणों से बचाने के लिए उनके स्किन को प्रोटेक्ट करें
मेलानोमा जो स्किन कैंसर का सबसे कॉमन रुप है, ये बच्चों में होने वाले कैंसर का तीन पर्सेंट होता है। छोटे बच्चों के लिए खास रुप से तैयार किये गए सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरुर करें। इसके लिए आप चाइल्ड एक्सपर्ट से सलाह जरुर लें अगर आप सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं कि उनके लिए कौन से सनस्क्रीन इस्तेमाल करने हैं। लेकिन ये जरुर ध्यान रहे कि छह महीने या उससे उपर के बच्चों में ही आप सनस्क्रीन इस्तेमाल कर सकते हैं। उसके बाद उन्हें किसी छाये वाली जगह पर रखें, या उनका सिर ढ़ंका रहे इसके लिए हैट पहना कर रखें।

हानिकारक वॉशिंग पाउडर से सावधान रहें
छोटे बच्चों में पाए जाने वाले स्किन इरिटेशन को घर पर ही सही किया जा सकता है। वॉशिंग पाउडर से होने वाले नुक्सान कॉमन हैं। इसके संपर्क में आने से नाजुक औऱ कोमल स्किन पर लाल धब्बे हो जाते हैं। ऐसे कपडों के संपर्क में आने से ये और भी बढ़ जाते हैं। इसलिए ध्यान रखें कि छोटे बच्चों के कपड़े हार्ड वॉशिंग पाउडर से ना धोंएं।

गर्मी से निपटने के लिए उनकी मदद करें
गर्म मौसम छोटे बच्चों के स्किन को कई तरह से नुक्सान पहुंचा सकते हैं। हीट और फिर उसके बाद क्लोरीन मिले हुए पानी के संपर्क में आने से स्किन काफी बेजान और ड्राय हो जाती है। इस कारण से उनके चेहरे, गले और पैरों में दाग हो जाते हैं और लाल चकत्ते बन जाते हैं। ये बैक्टीरीयल फंगल से हो सकते हैं। इसलिए जब भी ऐसे दाग दिखें तो चाइल्ड एक्सपर्ट से जांच जरुर कराएं।
उनके लिए खास तौर से तैयार की गई मॉइश्चुराइजर या पेट्रोलियम जेली का इस्तेमाल करें। उन्हे कंफर्टेबल ड्रेस पहनायें जो ढ़ीले और हल्के वजन के हों, साथ ही जो गर्मी से राहत दिला सकें। इन कपड़ों को साफ करने के लिए कोई नर्म सोप का इस्तेमाल करें। ज्यादा नहलाने से भी स्किन रैशेस का खतरा रहता है इसलिए सप्ताह में बस दो या तीन बार उन्हें स्नान करायें।

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