World Spine Day 2020: स्पाइन को मजबूत और लचीला बनाते हैं ये 3 योगासन

World Spine Day 2020 पूरी दुनिया में 16 अक्टूबर को वर्ल्ड स्पाइन डे मनाया जाता है। 100 किलो से कई गुना ज्यादा तक प्रेशर झेल सकता है आपका स्पाइन तो आइए इसे स्पेशल डे पर जानेंगे ऐसी ही कुछ रोचक जानकारियां।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Fri, 16 Oct 2020 11:42 AM (IST) Updated:Fri, 16 Oct 2020 12:35 PM (IST)
World Spine Day 2020: स्पाइन को मजबूत और लचीला बनाते हैं ये 3 योगासन
स्पाइन को मजबूत और लचीला बनाने के लिए सेतुबंधआसन करती हुई महिला

मनुष्य के शरीर के हर अंग की अपनी खासियत है। इनमें बैक बोन यानि स्पाइन (रीढ़ की हड्‍डी) की अपनी अलग जगह है। अगर ये कहा जाए कि इंसान अपनी बैक बोन के सहारे ही खड़ा है तो गलत नहीं होगा। पूरी दुनिया में 16 अक्टूबर को वर्ल्ड स्पाइन डे मनाया जाता है। इस मौके पर हम आपको स्पाइन से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे में शायद ही आपको जानकारी हो।

स्पाइन से जुड़ी जरूरी बातें

- 7 सर्विकल हड्डियां होती हैं इंसानों और जिराफ में

- 100 से ज्यादा जॉइंट्स शामिल होती हैं स्पाइन में

- 35 ग्राम तक तक होता है एक एवरेज स्पाइनल कॉर्ड का वजन

- 1/4 हिस्सा स्पाइन की कुल लेंथ का बनाता है कार्टिलेज

- 13.5 मिलियन न्यूरोन्स का घर होती है स्पाइनल कॉर्ड

- 120 से ज्यादा मसल्स होती हैं स्पाइन में

- 2/3 तक एक सर्किल के मुड़ सकती है स्पाइन

- 220 लिगामेंट्स के करीब होते हैं स्पाइन में

स्पाइन को लचीला और मजबूत बनाने के लिए रोज़ाना करें ये 3 आसन

1. भुजंगासन

कैसे करें

इस आसन को करने के लिए सुबह साफ़ सुथरी जगह पर मैट बिछा लें।

अब सूर्य की दिशा की ओर मुंह कर पेट के बल दरी पर लेट जाएं।

इसके बाद हाथों को दरी पर जमाएं और धीरे-धीरे अपने शरीर के आगे के हिस्से को सांप की तरह उठाएं। कुछ देर तक इस मुद्रा में रहें और फिर वापस उसी अवस्था में आ जाएं।

ऐसा कम से कम 10 मिनट तक ज़रूर करें। 

फायदे

इस योग को करने से रीढ़, बाज़ू और कमर में खिंचाव आता है। इससे रीढ़ की हड्डी मज़बूत होती है। साथ ही हाथ और कमर को भी बल मिलता है।

2. मार्जरीआसन

कैसे करें

इस आसन को करने के लिए वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं।

अब अपने दोनों हाथों को फर्श पर आगे की ओर रखें।

अपने दोनों हाथों पर थोड़ा सा भार डालते हुए अपने हिप्स (कूल्हों) को ऊपर उठाएं।

अपनी जांघों को ऊपर की ओर सीधा करके पैर के घुटनों पर 90 डिग्री का कोण बनाए।

अब आप एक लंबी सांस लें और अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं, अपनी नाभि को नीचे से ऊपर की तरफ धकेलें और टेलबोन (रीढ़ की हड्डी का निचला भाग)) को ऊपर उठाएं। 

अब अपनी सांस को बाहर छोड़ते हुए अपने सिर को नीचे की ओर झुकाएं और ठुड्डी को अपनी छाती से लगाने का कोशिश करें।

इस स्थिति में अपने घुटनों के बीच की दूरी को देखें और ध्यान रखें की इस मुद्रा में आपके हाथ झुकना नहीं चाहिए।

इसे आप 10-20 बार दोहराएं।

फायदे

मार्जरीसन बहुत ही अच्छा आसन हैं जिससे आपके रीढ़ की हड्डी पर खिंचाव पड़ता हैं  यह खिंचाव आपके रीढ़ की हड्डी को लचीला बनने में मदद करता हैं इसके अलावा यह आसन रीढ़ की हड्डी को फ़ैलाने और मजबूत करने में भी मदद करता है।

3. सेतुबंधासन

सेतुबंधासन को करने के लिए सबसे पहले किसी शांत जगह पर मैट बिछा लें।

अब इस मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।

अब अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को जमीन पर एक दूसरे से कुछ दूरी पर रखें। यानी आपके पैर आपके पेल्विस (श्रोणि) से 10-12 इंच दूर होने चाहिए। लेकिन, घुटनों और टखनों के साथ यह एक सीधी रेखा में होने चाहिए।

अपनी बाजुओं को अपने शरीर के अगल-बगल रखें और आपकी हथेलियां नीचे की तरफ होनी चाहिए।

अब सांस को अंदर की और खींचे और अपनी कमर के निचले, बीच वाले और ऊपरी हिस्से को धीरे-धीरे ऊपर उठायें। अपने कंधों को इस दौरान आराम से मोड़ें। ठोड़ी को नीचे लाए बिना छाती को ठोड़ी से स्पर्श करें।

अपने शरीर के वजन को कंधों, बाजुओं और पैरों के सहारे संतुलित करें। अपने कूल्हों और शरीर को इस पोज में लाने की कोशिश करें। आपकी दोनों जांघें एक-दूसरे के और जमीन के समानांतर होनी चाहिए।

इस दौरान आराम से सांस लेते रहें।

इस स्थिति में कुछ देर रहें और जब इस पोज से बाहर निकलें तो सांस को बाहर छोड़ें।  

3-5  बार इस आसन को दोहराएं।

फायदे

पीठ के लिए भी यह आसन बेहद लाभदायक है। इसे करने से छाती, गर्दन, रीढ़ की हड्डी और कूल्हे सभी स्ट्रेच होते हैं। जिससे पीठ, हैमस्ट्रिंग आदि की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसके अलावा यह आसन रक्तसंचार को बेहतर करता है। यह दिल के ब्लॉकेज़ को भी खोलने, वहीं दिमाग को शांत करने और तनाव कम करने में मदद करता है। 

Pic credit- Freepik

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