World Obesity Day 2019: 80 हज़ार कैंसर के मामलों के पीछे मधुमेह के साथ मोटापा भी है बड़ा कारण

Obesity Is Also Causing Cancer एक अध्यनन के मुताबिक मधुमेह और हाई बॉडी मास इंडेक्स या बीएमआई होने के कारण दुनिया भर में लगभग 6 प्रतिशत कैंसर के मामले सामने आते हैं।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Thu, 10 Oct 2019 03:54 PM (IST) Updated:Fri, 11 Oct 2019 09:00 AM (IST)
World Obesity Day 2019: 80 हज़ार कैंसर के मामलों के पीछे मधुमेह के साथ मोटापा भी है बड़ा कारण
World Obesity Day 2019: 80 हज़ार कैंसर के मामलों के पीछे मधुमेह के साथ मोटापा भी है बड़ा कारण

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Obesity Is Also Causing Cancer: आजकल की भाग-दौड़ वाली ज़िंदगी में ये बेहद ज़रूरी है कि आप स्वस्थ और फिट रहें। ऐसा इसलिए क्योंकि हाल ही में एक अध्यनन में पाया गया है कि डायबीटीज़ के साथ मोटापा भी कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के खतरे को बढ़ाता है।

एक मेडिकल की पत्रिका में छपे एक अध्यनन के मुताबिक, मधुमेह और हाई बॉडी मास इंडेक्स या बीएमआई होने के कारण दुनिया भर में लगभग 6 प्रतिशत कैंसर के मामले सामने आते हैं।

इस अध्यनन के लेखक डॉ. जोनाथन पियरसन-स्टटार्ड का कहना है कि हर साल 80,000 कैंसर के मामले अधिक वज़न, मोटापे और मधुमेह के कारण होते हैं।

मधुमेह और मोटापे से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि यह शर्करा के स्तर, सूजन और हार्मोन को प्रभावित करता है। शोधकर्ता ने कहा कि लोगों को अपने स्वास्थ्य में सुधार करना शुरू कर देना चाहिए वरना मधुमेह और उच्च बीएमआई से संबंधित कैंसर के मामलों की संख्या में वृद्धि जारी रहने की संभावना है।

इसी बीच, जो महिलाएं जोड़ों में दर्द से पीड़ित हैं में कैंसर का जोखिम पुरुषों की तुलना में लगभग दोगुना है। अधिकांश मामलों में, महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित पाई गईं, जो लगभग 30 प्रतिशत थीं। जबकि, 42.8 प्रतिशत मामलों में पुरुष ज्यादातर लीवर कैंसर से पीड़ित पाए गए।

वर्ष 1980 से लेकर 2002 तक डायबीटीज़ के बढ़ते मामलों की वजह से 2012 में एक चौथाई कैंसर के मामले सामने आए जबकि, इस साल 30 प्रतिशत मामलों के पीछे वजह मोटापा था। 

इन बढ़ते हुए आंकड़ों को देखते हुए शोधकर्ता का कहना है कि, "क्लीनिकल ​​और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेंटर्स को सभी के लिए व्यक्तिगत रोगियों के लिए निवारक और स्क्रीनिंग उपायों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।  

अब यह बेद महत्वपूर्ण हो गया है कि मधुमेह, उच्च बीएमआई और इन जोखिम से संबंधित बीमारियों के बढ़ते प्रसार से निपटने के लिए प्रभावी खाद्य नीतियां लागू की जाएं।

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