Dengue Fever Symptoms: क्या हैं डेंगू बुखार के लक्षण और संकेत?
Dengue Fever Symptoms दुनिया के 128 देशों में अभी तक यह बीमारी पहचानी जा चुकी है या यह कहें की दुनिया के 128 देश इस बीमारी से जूझ रहे हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Dengue Fever Symptoms: डेंगू बुखार एक जानलेवा बीमारी है। दुनिया के कई देश डेंगू बुखार के बढ़ते आंकड़ों से परेशान हैं क्योंकि इसने आम जन जीवन को अस्त-व्यस्त कर रखा है। सबसे ज़्यादा निराशाजनक बात यह है कि इसकी अभी तक कोई भी वैक्सीन या टीका नहीं बनाया जा सका, जिसकी वजह से इस बीमारी के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
दुनिया के 128 देशों में अभी तक यह बीमारी पहचानी जा चुकी है या यह कहें की दुनिया के 128 देश इस बीमारी से जूझ रहे हैं। डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि डेंगू बुखार में मरीज़ की हड्डियों में इतना ज़्यादा दर्द होता है कि ऐसा अनुभव होता है कि उसकी हड्डियां टूट रही हों। बस इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि यह बीमारी कितनी ज़्यादा घातक हैं।
डेंगू बुखार के लक्षण
1. ठंड लगने के बाद अचानक तेज़ बुखार चढ़ना: डेंगू बुखार अगर गर्मी या बारिश के मौसम में होता है, तो मरीज़ को इतनी ज़्यादा ठंड लगती है कि वो कंबल ओढ़े रहता है। उसी के साथ-साथ उसे एकदम से तेज़ बुखार आने लगता है। बुखार 102-103F आना डेंगू में सामान्य बात है।
2. बहुत ज़्यादा कमज़ोरी लगना: डेंगू बुखार में मरीज़ को बहुत ज़्यादा कमज़ोरी का आभास होता है। उसे मन करता है कि वह दिन भर एक जगह सोता ही रहे और हमेशा थकान भी महसूस होती है।
3. भूख न लगना: डेंगू बुखार में भूख न लगना बहुत ही सामान्य समस्या है और इसी से कमज़ोरी और थकान की समस्या बढ़ती रहती है।
4. जी मचलाना और मुंह का स्वाद खराब होना: इस बुखार में मुंह में लार बनना कम हो जाता है और जीभ की स्वाद कोशिकाएं भी अपना काम करना कम कर देती हैं।
5. शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज़ होना: इस बुखार में शरीर पर चकते और रेशेज़ हो जाते हैं। यह मुख्य रूप से चेहरे, गर्दन और छाती पर हो जाते हैं। इसके साथ खुजली की भी समस्या रहती है।
6. भूख न लगना: डेंगू बुखार में दिन भर सोने से और थकान महसूस होने से भूख लगना बंद हो जाती है। जीभ का स्वाद भी चले जाने के कारण मरीज़ को और कुछ भी खाने का मन नहीं करता है। इस कारण से कमज़ोरी और भी बढ़ जाती है।
7. गले में हल्का-सा दर्द होना: गले में हल्का-हल्का दर्द और ख़राश भी रहती है। गला सूखा-सूखा भी रहता है। कई बार बुखार की वजह से गले में टॉन्सिल्स भी हो जाते हैं।
डेंगू की जांच और संकेत
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अखिलेश उपाध्याय का कहना है कि डेंगू की जांच में मरीज़ के खून में ऐंटीजन IgM और IgG व प्रोटीन NS-1 देखे जाते हैं। NS-1 की मौजूदगी से यह पता चलता है कि मरीज़ के अंदर डेंगू वायरस का इंफेक्शन है, लेकिन ज़रूरी नहीं कि उसे डेंगू फीवर हो। IgM और IgG में से अगर केवल IgG पॉज़िटिव है तो इसका मतलब है कि मरीज़ को पहले कभी डेंगू रहा है।