Parental Tip: बच्चों की नींद से ना करें समझौता, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अध्ययन में हुआ खुलासा

Parental Tip जितना मुश्किल काम एक छोटे बच्चो को खाना खिलाना होता है उससे कहीं ज्यादा मुश्किल उसे सुलाना होता है। बच्चों के लिए नींद बेहद आवश्यक है क्योंकि इसी दौरान उनका शरीर बढ़ता है। इसी को लेकर एक नया खुलासा हुआ है।

By Ritu ShawEdited By: Publish:Mon, 20 Mar 2023 04:47 PM (IST) Updated:Mon, 20 Mar 2023 04:47 PM (IST)
Parental Tip: बच्चों की नींद से ना करें समझौता, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अध्ययन में हुआ खुलासा
Parental Tip: बच्चों की नींद से ना करें समझौता, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अध्ययन में हुआ खुलासा

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Parental Tip: बच्चों का ख्याल रखना कोई आसान काम नहीं है। उनके खाने-पीने से लेकर सेहत और नींद तक हर चीज का बहुत बारीकि से ध्यान रखना पड़ता है, तब जाकर एक बच्चा स्वस्थ रूप से विकसित होता है। जितना मुश्किल काम एक छोटे बच्चो को खाना खिलाना होता है, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल उसे सुलाना होता है। बच्चों के लिए नींद बेहद आवश्यक है क्योंकि इसी दौरान उनका शरीर बढ़ता है। अब एक नए शोध में इसी को लेकर कुछ खुलासे हुए है, जिसके बारे में हम आपको आज बताने जा रहे हैं।

एक नए अध्ययन में पाया गया है कि अपने बच्चे को खुश और स्वस्थ रखने के लिए यह सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है कि उन्हें लगातार पर्याप्त और अच्छी गुणवत्ता वाली नींद मिले। शोधकर्ताओं के अनुसार, हर रात 39 मिनट की अतिरिक्त नींद से भी फर्क पड़ सकता है और इसके परिणामस्वरूप बच्चे का शारीरिक और समग्र स्वास्थ्य काफी बेहतर हो सकता है।

जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने न्यूजीलैंड में रहने वाले 8 से 12 साल के 100 बच्चों पर नजर रखी। इस दौरान एक सप्ताह तक बच्चे सामान्य समय से एक घंटे पहले सोने जाते रहे और एक सप्ताह तक एक घंटे बाद। इसके बाद शोधकर्ताओं ने एक प्रश्नावली का उपयोग करते हुए दिन के दौरान हुई नींद की गड़बड़ी और हानि का मूल्यांकन किया। शोधकर्ताओं ने बच्चों को उनके स्वास्थ्य संबंधी जीवन की गुणवत्ता के बारे में एक सर्वेक्षण भी कराया।

अध्ययन के लेखकों ने नोट किया कि नियमित रूप से भाग लेने वाले बच्चे रात में 8 से 11 घंटे तक सोते थे और आमतौर पर स्वस्थ माने जाते थे। वहीं प्रति रात 39 मिनट कम नींद लेने के एक सप्ताह के बाद उन्होंने पाया कि बच्चों ने समग्र स्वास्थ्य और स्कूल में बैठने की क्षमता में कमी की सूचना दी। इस अध्ययन में पाया कि बच्चों में पर्याप्त और अच्छी गुणवत्ता वाली नींद सुनिश्चित करना एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दा है।

अध्ययन में यह आकलन भी शामिल है कि बच्चे शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से माता-पिता और साथियों के साथ अपने संबंधों में कैसा महसूस करते हैं और वे स्कूल के बारे में कैसा महसूस करते हैं। साथ ही यह सवाल भी शामिल था कि क्या बच्चे स्कूल में पढ़ाई के दौरान ध्यान देने में सक्षम हैं और शारीरिक रूप से फिट महसूस करते हैं और क्या इसके बाद उनमें मौज-मस्ती करने और अपने दोस्तों के साथ समय बिताने की ऊर्जा बची है। तो जवाब में पाया गया कि सभी बच्चे सक्षम नहीं थे।

ऐसे में परिवारों को सलाह दी जाती कि वे नींद के महत्व को कम न समझें और जितना हो सके नींद को प्राथमिकता दें। कम अच्छी गुणवत्ता वाली नींद लेने से बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट हो सकती है।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

chat bot
आपका साथी