Moringa For Diabetes: डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए वरदान है मोरिंगा, जानें कैसे करता है ब्लड शुगर को कम...

Moringa For Diabetes डायबिटीज़ एक क्रॉनिक बीमारी है जो एक बार हो जाए तो ज़िंदगी भर इसे कंट्रोल में रखना बेहद ही ज़रूरी हो जाता है। तो आइए जानें कि मोरिंगा डायबिटीज में कैसे मददगार साबित होता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Sun, 05 Feb 2023 09:00 AM (IST) Updated:Sun, 05 Feb 2023 09:00 AM (IST)
Moringa For Diabetes: डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए वरदान है मोरिंगा, जानें कैसे करता है ब्लड शुगर को कम...
Moringa For Diabetes: क्या मोरिंगा डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए फायदेमंद होता है?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Moringa For Diabetes: अगर आप डायबिटीज़ से जूझ रहे हैं, तो दवाइयों के साथ हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल की मदद से ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल में रखा जा सकता है। डायबिटीज़ होने पर अपने ब्लड शुगर से स्तर पर चेक रखना भी ज़रूरी होता है, वरना दूसरी क्रॉनिक बीमारियां का कारण भी बन सकता है। आपने ऐसे कई फूड्स के बारे में सुना होगा, जो ब्लड शुगर के स्तर को कम करने का काम करते हैं।

ऐसा ही एक फूड है मोरिंगा, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल में लाने के लिए जाना जाता है। मोरिंगा को हिंदी में सहजन के पेड़ के नाम से जाना जाता है। इसका उपयोग भारतीय खाने में सदियों से हो रहा है। तो आइए जानें कि मोरिंग डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए कैसे वरदान साबित हो सकता है।

ब्लड शुगर के स्तर पर मोरिंग कैसे असर करता है?

मोरिंगा की औषधीय गुणों की वजह से इसका उपयोग सदियों से हो रहा है। मोरिंगा यानी सहजन का पेड़, इसकी पत्तियों के अलावा पेड़ का तना, छाल, फूल, फल और कई हिस्सों का इस्तेमाल अच्छी सेहत के लिए किया जाता है। मोरिंगा में एंटीवायरल, एंटीडिप्रेसेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। मोरिंगा ज़रूरी खनिज पदार्थों से भी भरा होता है। यह आपकी डाइट में कैल्शियम के साथ पोटैशियम, ज़िंक, मैग्नीशियम, आयरन, कॉपर, फॉस्फोरस और जिंक को जोड़ सकता है। मोरिंगा की पत्तियों में क्वेरसेटिन होता है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट है, जो ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है। एक अन्य एंटीऑक्सीडेंट क्लोरोजेनिक एसिड है, जो रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करता है। मोरिंगा में पाया जाने वाला क्लोरोजेनिक एसिड शरीर में शुगर को बेहतर तरीके से प्रोसेस करने में मदद कर सकता है और इंसुलिन को भी प्रभावित कर सकता है। मोरिंगा के एंटीबायोटिक और एंटीबैक्टीरियल गुण कब्ज़, गैस्ट्राइटिस और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसे पाचन विकारों को रोकने में भी मदद कर सकते हैं, क्योंकि यह विभिन्न रोगजनकों के विकास को रोकता है।

मोरिंगा को डाइट में कैसे शामिल करें?

आप मोरिंगा की पत्तियों और बीज को तीन तरीके से खा सकते हैं- कच्ची पत्तियां, पाउडर या फिर जूस के ज़रिए। आप चाहें तो मोरिंगा की कुछ पत्तियों को पानी में डालकर उबाल सकते हैं। इसमें नींबू और शहद भी मिला सकते हैं। आप इसे सूप या करी में भी डाल सकते हैं।

एक व्यक्ति दो ग्राम यानी एक छोटा चम्मच मोरिंगा का सेवन कर सकता है। अगर आप डायबिटीज़ से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह कर ही इसका सेवन करें।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।  Picture Courtesy: Freepik

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