India & Covid 3rd Wave: तीसरी लहर से निपटने के लिए भारत बेहतर तरीके से तैयार, WHO की चीफ वैज्ञानिक

India Covid 3rd Wave भारत को फरवरी और मई की शुरुआत के बीच कोविड की एक विनाशकारी दूसरी लहर का सामना करना पड़ा था जिसके दौरान रोज़ाना संक्रमण के मामले और मृत्यु दर ख़तरनाक तरीके से बढ़ रहे थे।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 03:15 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 03:15 PM (IST)
India & Covid 3rd Wave: तीसरी लहर से निपटने के लिए भारत बेहतर तरीके से तैयार, WHO की चीफ वैज्ञानिक
तीसरी लहर से निपटने के लिए भारत बेहतर तरीके से तैयार: WHO की चीफ वैज्ञानिक

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। India & Covid 3rd Wave: विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन के अनुसार, भारत नई कोविड -19 लहरों को देश पर कहर बरपाने ​​​​से रोकने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है। इस दक्षिण एशियाई राष्ट्र को फरवरी और मई की शुरुआत के बीच कोविड की एक विनाशकारी दूसरी लहर का सामना करना पड़ा था, जिसके दौरान रोज़ाना संक्रमण के मामले और मृत्यु दर ख़तरनाक तरीके से बढ़ रहे थे। जिससे स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली कोलैप्स होने के कगार पर पहुंच गई।

हालांकि, उसके बाद से, कोरोना वायरस मामलों में काफी गिरावट आई है और इस वक्त एक दिन में औसतन 30,000 से 40,000 के आसपास मामले सामने आ रहे हैं। टीकाकरण की रफ्तार में भी तेज़ी आई है। स्वामीनाथन ने कहा कि दुनिया ने कोरोना वायरस के बारे में काफी कुछ सीख लिया है। यह मानव शरीर की किन कमज़ोरियों का फायदा उठाता है, और इससे निपटने के लिए कौन से सार्वजनिक स्वास्थ्य उपकरण और उपाय प्रभावी हैं।

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि अब भारत के साथ ही कई ऐसे देश हैं, जो कोविड की आने वाली लहरों को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकेंगे, ताकि किसी भी लहर को विनाशकारी बनने से रोका जा सके।"

तीसरी लहर की उम्मीद

ऐसा माना जा रहा है कि भारत में इस साल के अंत से पहले कोविड-19 की संक्रमण की तीसरी लहर आ सकती हैं। हालांकि, कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच आम सहमति यह है कि तीसरी लहर का प्रभाव पहली दो लहरों की तुलना कुछ कम गंभीर होने की संभावना है।

स्वामीनाथन ने कहा, "मुझे लगता है कि स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारी के स्तर में वास्तव में है वृद्धि हुई है, विशेष रूप से ऑक्सीजन और देखभाल के संबंध में महत्वपूर्ण सुविधाएं। स्वास्थ्य कार्यबल को बढ़ाने की भी आवश्यकता है क्योंकि सिर्फ उपकरण, सामग्री और दवाएं ही पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें प्रशिक्षित नर्सों, डॉक्टरों, एनेस्थिसियोलॉजिस्ट, क्रिटिकल केयर टेक्नीशियनों और अन्य सुविधाओं की भी उतनी ही ज़रूरत है।"

स्वामीनाथन का कहना है कि टीकाकरण और अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का एक कॉम्बीनेशन जैसे मास्क पहनना, खासतौर से इनडोर स्थानों में, भीड़-भाड़ या बड़ी सभाओं से बचना, और टेस्टिंग का उच्च स्तर सुनिश्चित करने से तीसरी लहर की शुरुआती चेतावनी का पता चल जाएगा, जिससे स्थिति को गंभीर होने से बचाया जा सकता है।

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