ब्रेकफास्ट न करना पड़ सकता है सेहत पर भारी, इन 6 चीज़ों को करें नाश्ते में शामिल

नाश्ते को अंग्रेजी में ब्रेकफास्ट कहा जाता है। यह अपने आपमें एक संदेशवाहक शब्द है जो हमें बताता है कि रात के खाने के बाद शुरू किया व्रत सुबह जल्द से जल्द तोड़ो।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Thu, 16 Jan 2020 08:00 AM (IST) Updated:Thu, 16 Jan 2020 09:38 AM (IST)
ब्रेकफास्ट न करना पड़ सकता है सेहत पर भारी, इन 6 चीज़ों को करें नाश्ते में शामिल
ब्रेकफास्ट न करना पड़ सकता है सेहत पर भारी, इन 6 चीज़ों को करें नाश्ते में शामिल

आज का समय भागमभाग वाला समय है। यह इस कारण से भी है, क्योंकि हमारा जीवन स्तर निरंतर बढ़ता जा रहा है और हमारी अपेक्षाएं व आकाक्षाएं आसमान छू रही हैं। ऐसे में अगर हमारे सामने खाना खाने या काम पर जाने का विकल्प रखा जाए तो हम स्वाभाविक रूप से काम को सर्वोपरि मानते हुए उसको ही चुनेंगे। हम यह भूल जाते हैं कि जिस शरीर के दम पर काम कर रहे हैं उसकी भी कुछ मूलभूत आवश्यकताएं हैं। इनके अभाव में हम उससे अधिकतम काम नहीं ले पाएंगे। ऐसी ही बुनियादी आवश्यकता है शरीर में ऊर्जा का उत्पादन। इसे हम बढ़िया नाश्ते के जरिए सरलता से पूरा कर सकते हैं।

नाश्ता न करने के कारण

- समय का अभाव।

- बचपन से नाश्ता न करने की आदत। 

- रात को अगले दिन के नाश्ते की तैयारी न करना।

- कब्ज या पूरी तरह से पेट साफ न होना। इससे सुबह कुछ खाने की इच्छा ही नहीं होती।

- सुबह से चाय, बिस्कुट से ही पेट भर लेना। इससे हम शरीर के लिए लाभकारी व पौष्टिक नाश्ता नहीं कर पाते हैं।

- जब हम रात का खाना देर से खाते हैं तो अगले दिन सुबह पेट भरा लगने के कारण हम ठीक से नाश्ता नहीं कर पाते।

- कुछ लोग नाश्ता व दोपहर के खाने को जोड़कर एक ही समय पर ले लेते हैं जिसे वे ब्रंच कहते हैं। इससे उन्हें नाश्ते की आवश्यकता महसूस नहीं होती।

- बहुत से लोग सुबह इतनी नींद में होते हैं कि उन्हें नाश्ता बनाने व खाने की इच्छा नहीं होती।

हालांकि पिछले कुछ सालों में नाश्ते के प्रति जागरूकता आई है। यह एक सकारात्मक परिवर्तन है। 

ऐसा हो संतुलित नाश्ता

नाश्ते के द्वारा शरीर में ऊर्जा उत्पादन व शरीर के निर्माण या टूट-फूट की मरम्मत सुचारु रूप से होनी चाहिए। इसलिए संतुलित व पौष्टिक नाश्ता वह माना जाएगा जिसमें खाने के सभी समूह सम्मिलित हों।

1. अनाज: (पोहा/ दलिया/ म्यूजली/ उपमा/ सादी या भरवां रोटी/ हल्के तेल से बने सादे या भरवां पराठे/ होल ग्रेन ब्रेड के सैंडविच इत्यादि।

2. प्रोटीन: पनीर, अंडा, दही आदि। शाकाहारी लोग अंकुरित अनाज ले सकते हैं।

3. सब्जियां: अलग-अलग रंग वाली।

4. फल: समूचे फल खाएं, जूस नहीं।

5. ओमेगा-3 फैटी एसिड- विभिन्न प्रकार के सूखे मेवे और बीज।

6. तरल पदार्थ: दूध/ चाय/ कॉफी/ मट्ठा/ ग्रीन टी/ नारियल पानी/ सब्जियों का रस/ सूप/ नींबू पानी इत्यादि।

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