आईआईटी मद्रास के इस स्मार्ट डस्टबिन से नहीं फैलेगा इंफेक्शन

आईआईटी मद्रास की ओर से तैयार किए गए इस स्मार्ट डस्टबिन में संक्रमित मॉस्क स्वॉब टिश्यू और अन्य संक्रामक कचरा डाला जा सकता है। इससे संक्रमण फैलने का खतरा नहीं होगा।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 01 May 2020 02:55 PM (IST) Updated:Mon, 04 May 2020 11:37 AM (IST)
आईआईटी मद्रास के इस स्मार्ट डस्टबिन से नहीं फैलेगा इंफेक्शन
आईआईटी मद्रास के इस स्मार्ट डस्टबिन से नहीं फैलेगा इंफेक्शन

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। हमारे देश में कचरा निस्तारण की समुचित व्यवस्था नहीं के बराबर है। हर तरह के कचरे को एक ही डिब्बे में लोग फेंक देते हैं, जिससे हानिकारक गैसों का रिसाव कचरे वाले लैंडफिल से होने लगता है। दूसरी बड़ी समस्या यह है कि सड़क किनारे जो कूड़ेदान लगे होते हैं, वे खुले होते हैं। इनमें चूहे से लेकर चिड़ियां तक सभी घुसकर कूड़े को इधर-उधर कर देते हैं।

इसे देखते हुए आईआईटी मद्रास ने कोरोना संक्रमण से उत्पन्न कचरे के उचित निपटारे के लिए "स्मार्ट बिन" तैयार किया है। मोबाइल फोन से कनेक्टेड यह "स्मार्ट डस्टबिन सिस्टम" अस्पतालों, क्लीनिकों, सार्वजनिक स्थलों और क्वारंटाइन जोनों में जमा संक्रामक कचरे का सही तरीके से और जल्द निपटारा करेगा, ताकि इस कचरे के कारण कोरोना संक्रमण न फैले।

आईआईटी मद्रास की ओर से तैयार किए गए इस "एयर बिन" में संक्रमित मास्क, स्वॉब, टिश्यू और अन्य संक्रामक कचरे डाले जाते हैं। इन "एयर बिन" पर निगाह मोबाइल ऐप के जरिए रखी जाएगी और "एयर बिन" भरते ही इसके खाली करने के लिए संबंधित व्यक्ति उस जगह पर पहुंच जाएगा और उसका समुचित तरीके से सावधानी से निस्तारण करेगा।

आईआईटी मद्रास के मेकेनिकल इंजीनियर महेंद्र शाह ने बताया कि उनकी स्टार्टअप कंपनी अंतरिक्ष ने इस डिजिटल कचरा प्रबंधन प्रणाली को बनाया है। इसके जरिए शहरों के अंदर अस्पतालों, क्वारंटाइन जोनों, रेड जोनों और संक्रामक स्थलों पर संक्रामक कचरे का निस्तारण ऑन डिमांड भी किया जाएगा। इसके अलावा, इन एयर बिन के भरने पर इसकी जानकारी ऐप से जुड़े नेटवर्क को भी हो जाएगी। इन "एयर बिन" की समय-समय पर समुचित सफाई पूरी सावधानी के साथ की जाती रहेगी।                         

                           Written By Shahina Noor

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