Heart Risk: हार्ट फेलियर के रिस्क का पता लगाने में फेल है एआई टूल, ताजा स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
आजकल के अनहेल्दी लाइफस्टाइल में दिल से जुड़ी बीमारियां आम हो गई हैं। बीते दिनों शोधकर्ताओं की ओर से बताया गया था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल की मदद से हार्ट से जुड़ी समस्याओं का पता लगाया जा सकता है लेकिन अब एक नई रिपोर्ट का कहना है कि कार्डियोवस्कुलर रिस्क का आकलन कर पाने की क्षमता नहीं है। आइए जानें।
एजेंसी, नई दिल्ली। Heart Risk: पिछले दिनों ब्रिटेन के वैज्ञानिकों की ओर से एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल सामने आया था, जिसे लेकर दावा किया गया था, कि इसकी मदद से 80 फीसदी सटीकता से साथ हार्ट से जुड़ी समस्या का पता लगाया जा सकता है। ऐसे में अब एक नई रिपोर्ट का मानना है कि इसमें कार्डियोवस्कुलर रिस्क यानी हृदय जोखिम का आकलन करने की क्षमता नहीं है। आइए जानते हैं क्या कुछ कहती है नई स्टडी।
हार्ट रिस्क का पता लगाने में फेल है एआई
एक अमेरिकी जर्नल में प्रकाशित हुए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि ओपन एआई (OpenAI) का चैटजीपीटी (ChatGPT) हृदय जोखिम का पता लगाने में बिल्कुल भी माहिर नहीं है। स्टडी में बताया गया है कि "कुछ हेल्थ कंडीशन्स के लिए इस पर निर्भर होना समझदारी भरा कदम नहीं होगा, जैसे- सीने में दर्द वाले मरीज को अस्पताल में एडमिट होने की जरूरत है या नहीं। बता दें, सीने में दर्द वाले मरीजों को लेकर चैटजीपीटी की भविष्यवाणियां गलत साबित हुईं।
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क्या है एक्सपर्ट की राय?
'वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी' के 'एलसन एस. फ्लॉयड कॉलेज ऑफ मेडिसिन' के शोधकर्ता और मुख्य लेखक डॉ. थॉमस हेस्टन ने कहा, 'यह भिन्नता खतरनाक हो सकती है।' इसके अलावा, जेनेरिक एआई सिस्टम उन पारंपरिक तरीकों से मेल खाने में भी कामयाब नहीं हुआ, जिनका इस्तेमाल डॉक्टर किसी मरीज के हार्ट से जुड़े जोखिम का आकलन करने के लिए करते हैं।
इस ओर ध्यान देने की जरूरत
हेस्टन कहते हैं कि, 'चैटजीपीटी ठीक से काम नहीं कर रहा था, लेकिन बता दें कि हेस्टन स्वास्थ्य सेवा में जेनेरिक एआई के लिए काफी संभावनाएं देखते हैं। उन्होंने कहा, 'यह एक उपयोगी टूल हो सकता है, लेकिन मुझे लगता है कि टेक्नोलॉजी हमारी समझ से कहीं ज्यादा तेजी से आगे बढ़ रही है, इसलिए यह जरूरी है कि इसपर और शोध किया जाए, खासतौर से इन उच्च जोखिम वाली क्लिनिकल कंडीशन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।'
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