इम्युनिटी बढ़ाने से लेकर अच्छी नींद तक के लिए रोजाना दूध में मिलाकर पिएं इस मसाले को

आयुर्वेद के हिसाब से हल्दी दूध के अनगिनत फायदे हैं जैसे रात को सोने से पहले हल्दी दूध पीने से नींद से जुड़ी तकलीफ में आराम मिलता है। गर्म दूध में हल्दी मिला दें तो वो एंटी-डिप्रेसेंट की तरह भी काम करता है।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Wed, 26 Jan 2022 06:28 PM (IST) Updated:Wed, 26 Jan 2022 06:28 PM (IST)
इम्युनिटी बढ़ाने से लेकर अच्छी नींद तक के लिए रोजाना दूध में मिलाकर पिएं इस मसाले को
साबुत और हल्दी पाउडर के साथ रखा गोल्डन मिल्क

चाहे कोई आंकरिक तकलीफ हो या बाहरी चोट, हल्दी दूध या सुनहरा दूध हर समस्या का समाधान है। अब तो पश्चिमी देशों में भी ये टर्मरिक लाटे के नाम से बहुत प्रसिद्ध हो गया है और विदेश में भी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए इसे सुपर फूड माने जाने लगा है। 

हल्दी और दूध का मिश्रण इलाज और रोग प्रतिरोक शक्ति बढ़ाने, दोनों में ही जादू करता है। हल्दी दूध सच में एक सुनहरा मिश्रण है! ये हमें सर्दी-ज़ुखाम से लेकर संक्रमण, चोट और सूजन जैसी सभी तकलीफों से लड़ने में मदद करता है। इसलिए हर बच्चे हों या बड़े सबको हल्दी वाला दूध पीने की सलाह दी जाती है। 

सस्ते और असरदार टॉनिक की तरह है हल्दी वाला दूध 

सिर्फ बच्चों ही नहीं, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और गंभीर रूप से घायल लोगों को भी इसकी सलाह दी जाती है। यहां तक कि आज कल दुनिया भर में फैली कोविड महामारी के बीच अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए भी हल्दी दूध बहुत अच्छा उपाय है। रात को सोने से पहले हल्दी दूध पीना बहुत ही फायदेमंद होता है। अगर आप अपनी सेहत और रोग प्रतिरोधक क्षमता को लेकर चिंतित हैं तो सिर्फ जरूरत पड़ने पर न लेकर, आप नियमित रूप से इसको सर्दी हो या गर्मी हर एक मौसम में आराम से पी सकते हैं।

किन-किन रोगों में है फायदेमंद

- हल्दी में मौजूद करक्यूमिन पाचन को भी सुधारता है।

- एसिडिटी और सूजन में भी आराम देता है।

- ये शरीर में अत्यधिक कफ को खत्म करता है और साइनसाइटिस में भी आराम देता है।

- इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट खून को साफ करने में और सभी अंगों को स्वस्थ रखने का काम करते हैं।

बनाने की विधि

हल्दी दूध को तैयार करना बहुत ही आसान है, दूध को उबाल कर उसमें हल्दी पाउडर मिलाएं। दूध में गुड़ या चीनी डाले बिना पीना ज्यादा फायदेमंद होता है।

(गीता रमेश, मैनेजिंग डायरेक्टर, Kairali Ayurvedic group से बातचीत पर आधारित)

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