Diabetes Management: डायबिटीज़ मैनेज करने में टेलीकंसल्टेशन साबित हो रहा है बहुत ही मददगार

Diabetes Management डिजिटल तकनीक के बढ़ने से टेलीकंसल्टेशन का क्षेत्र पहले से कहीं तेजी से बदल रहा है। अब छोटी-मोटी हेल्थ प्रॉब्लम्स ही नहीं बल्कि रुमेटोलॉजिकल (जोड़ों) डिप्रेशन हृदय संबंधी बीमारियों के लिए वीडियो कंसल्टेशन को लोग इस्तेमाल कर रहे हैं।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Sat, 05 Mar 2022 07:00 AM (IST) Updated:Sun, 06 Mar 2022 09:26 AM (IST)
Diabetes Management: डायबिटीज़ मैनेज करने में टेलीकंसल्टेशन साबित हो रहा है बहुत ही मददगार
डॉक्टर से डायबिटीज के लिए टेलीकंसल्टेशन करता युवक

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्कI Diabetes Management: क्रॉनिक बीमारियों में शामिल डायबिटीज की नियमित जांच जरूरी है, क्योंकि इससे ब्लड ग्लूकोज के उतार-चढ़ाव को ट्रैक कर कंट्रोल करने के उपाय किए जा सकते हैं। जांच या उपचार में किसी भी प्रकार की देरी डायबिटीज के जोखिम को और ज्यादा बढ़ा सकती हैं। तो इसके लिए हर बार डॉक्टर के पास जाना पॉसिबल नहीं हो पा रहा है तो टेलीकंसल्टेशन का भी ऑप्शन है आपके पास। जो बहुत ही हेल्पफुल साबित हो रहा है। 

डॉ.अंबरीश मित्तल, चेयरमैन एवं हेड- एंडोक्राइनोलॉजी एवं डायबेटोलॉजी, मैक्स हेल्थकेयर का कहना है, “पिछले साल टेलीकंसल्टेशन में 500% का उछाल देखा गया और डायबिटीज केयर में टेलीकंसल्टेशन रोगियों को सशक्त बना रहा है। साथ ही यह देखना बड़ा ही सुखद अनुभव है कि साल 2020 में लगभग 44% टेलीकंसल्टेशन गैर-मेट्रो शहरों से थे, इससे यह पता चलता है कि टेलीकंसल्टेशन में वृद्धि की काफी संभावनाएं हैं।”

डॉ. मित्तल कहते हैं, “पिछले 2 सालों से सभी 80% टेलीमेडिसिन उपयोगकर्ताओं ने आमतौर पर इसका अनुभव किया है। महामारी की वजह से देशभर में डिजिटल को तेजी से अपनाने से टेलीकंसल्टेशन के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। तकनीक ने लोगों को अपने डायबिटीज को मैनेज करने का आत्मविश्वास दिया है। वे डॉक्टर के साथ मिलकर सावधानीपूर्वक निर्णय ले रहे हैं।“

मॉनिटरिंग टूल्स की उपलब्धता

यूजर्स के लिये ग्लूकोज पर निगरानी रखने वाले ऐसे डिवाइस तैयार किए गए हैं जिससे वे अपने ग्लूकोज रीडिंग को अधिक आसानी से और बार-बार जांच सकें। फ्री स्टाइल लिब्रे जैसे निरंतर ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस लोगों को उनके ब्लड ग्लूकोज के स्तर पर नजर रखने और वांछित ग्लाइसेमिक रेंज में बिताए गए समय की गणना करने में मदद करते हैं। ये उपकरण न केवल उपयोगकर्ता को तत्काल ग्लूकोज परिणाम दिखाते हैं बल्कि ये भी बताते हैं कि कहां ग्लूकोज का स्तर बढ़ रहा है।

देखभाल से रोगियों को जोड़े रखना

डायबिटीज की देखभाल में टेलीकंसल्टेशन रोगियों को दिन-ब-दिन सशक्त बना रहा है। अब पेशेंट्स को हेल्थ, उससे जुड़े डिवाइसेज़ और कार्यक्रम को लेकर बहुत ज्यादा जागरूक हो चुके हैं। डॉ. अंबरीश मित्तल यह भी कहते हैं,”ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस की मदद से उपयोगकर्ता वास्‍तविक समय में डॉक्टर के साथ स्वत: ही ग्लूकोज डेटा साझा कर सकते हैं, जिससे रोगियों और डॉक्टर्स को ज्यादा जानकारीप्रद निर्णय लेने में मदद मिलेगी। इससे रोगियों को इन रीडिंग्स के माध्यम से आहार, शारीरिक गतिविधियों और दवाओं को तय करने में मदद मिलेगी।”

टेलीकंसल्टेशन में देश में डायबिटीज की देखभाल में मौजूदा अंतर को भरने की क्षमता है। डायबिटीज की देखभाल तक पहुंच के साथ, देश के दूर-दराज के हिस्सों में बैठे लोग सबसे बेहतर डॉक्टरों की सेवाओं और गुणवत्तापूर्ण देखभाल का लाभ उठा सकते हैं। यह लाभ महामारी के बाद भी लंबे समय तक बना रहेगा।

Pic credit- unsplash

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