Pregnancy During COVID: एक्सपर्ट्स के अनुसार ये है प्रेग्नेंसी प्लान करने का सबसे बेहतरीन समय

Pregnancy During COVID एक्पर्ट्स का मानना है कि यह प्रेग्नेंट होने का सबसे अच्छा समय है। इसका कारण है कि एयर क्वॉलिटी बहुत अच्छी हो चुकी है।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Thu, 10 Sep 2020 04:01 PM (IST) Updated:Thu, 10 Sep 2020 04:01 PM (IST)
Pregnancy During COVID: एक्सपर्ट्स के अनुसार ये है प्रेग्नेंसी प्लान करने का सबसे बेहतरीन समय
Pregnancy During COVID: एक्सपर्ट्स के अनुसार ये है प्रेग्नेंसी प्लान करने का सबसे बेहतरीन समय

नई दिल्ली। Pregnancy During COVID:  बॉलीवुड ए-लिस्टर्स में करीना कपूर खान और अनुष्का शर्मा कोरोना वायरस महामारी के दौरान प्रेग्नेंट हुईं। दिल्ली/एनसीआर के लीडिंग स्त्री रोग विशेषज्ञ और इनफर्टिलिटी एक्सपर्ट्स ने रिमोट वर्किंग के समय को प्रेग्नेंट होने के लिए बहुत सही समय बताया है क्योंकि अब नए जोड़ों को अपने भविष्य की योजना बनाने के लिए पर्याप्त 'आरामदायक माहौल' मिल रहा है और वे बहुत ज्यादा समय सफ़र करने में नहीं गवां रहे हैं। इस वजह से उन्हें बहुत कम स्ट्रेस हो रहा है। जोड़े पर्सनल लाइफ और प्रोफेशनल लाइफ में संतुलन सही तरीके से बैठा पा रहे हैं।

मदरहुड हॉस्पिटलए नोयडा के गायनोकोलोजिस्ट और ऑब्स्ट्रेसियन डॉ. संदीप चड्ढा का मानना है कि यह प्रेग्नेंट होने का सबसे अच्छा समय है। इसका कारण है कि एयर क्वॉलिटी बहुत अच्छी हो चुकी है। हवा में प्रदूषण बहुत कम हो गया है। बच्चे और मां के लिए यह बहुत सुरक्षित समय है।

डॉ. चड्ढा ने कहा, "महिलाएं बहुत ज्यादा आरामदायक माहौल में हैं क्योंकि वे घर से काम कर रही हैं। जब एक महिला प्रेग्नेंट होती हैं, तो इस तरह का आरामदायक माहौल मिलना उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। कभी-कभी लंबे समय तक स्क्रीन देखते रहने से उन्हें मतली आ सकती है। महिलाएं ज्यादा आरामदायक स्थिति में हैं क्योंकि वे घर पर हैं और बीच-बीच में थोड़ा-थोड़ा भोजन भी कर सकती हैं। यहां तक कि परिवार के अन्य सदस्य भी उनकी देखभाल करने के लिए घर पर होंगे। अगर आप डरे हुए हैं, तो घबराने की कोई बात नहीं है। महामारी के दौरान प्रेग्नेंट होने से कोरोना वायरस आसानी से बच्चे में नहीं फैलता है। गर्भवती महिला को बस सभी कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करने की ज़रूरत है क्योंकि उनकी इम्युनिटी लेवल इस समय कम हो सकता है।

उजाला सिग्नस हेल्थकेयर एमबीबीएस एमडी (प्रसूति एवं स्त्री रोग) सीनियर कंसल्टेंट और हेड डॉ अक्ता बजाज ने कहा कि वह पिछले कुछ महीनों से गर्भवती महिलाओं के हॉस्पिटल मे ओपीडी में बढ़ोत्तरी देख रही हैं। डॉक्टर ने आगे कहा कि ये ज्यादातर ऐसे मरीज़ हैं,  जिन्हें बहुत ज्यादा स्ट्रेस होने के कारण प्रेग्नेंट होने में पहले परेशानी होती थी।

डॉ. बजाज ने कहा, "कोरोना वायरस महामारी के कारण ज्यादातर कपल अपने घर पर आराम से हैं। उन्हें बहुत ही कम स्ट्रेस है। जोड़े साथ में ज्यादा समय बिता रहे हैं। वे फैमिली प्लानिंग के लिए समय का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। हमारे हॉस्पिटल में भी हम बहुत सारे ऐसे कपल को देख रहे हैं, जिन्हें गर्भधारण करने में पहले परेशानी होती थी और अब वे पिछले 3 से 4 महीनों में गर्भधारण करने में सफल हुए हैं।"

नोवा आईवीएफए नई दिल्ली की फर्टिलिटी कंसल्टेंट डॉ. पारुल कटियार ने बताया कि कोविड-19 इंफेक्शन से बचने के लिए सभी पौष्टिक डाइट को खा रहे हैं और हेल्थी लाइफस्टाइल को बनाये रख रहे हैं। इसलिए वे स्वाभाविक रूप से (नेचुरली) गर्भ धारण कर रहे हैं।

डॉ. कटियार ने कहा, "घर पर रहने के कारण लोग जंक फूड कम खा रहे हैं और क्वॉलिटी वाला और होम कुक्ड भोजन खा रहे हैं। यह डाइट उनके फर्टिलिटी क्षमता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चूंकि अधिकांश जोड़े (कपल) एक साथ रह रहे हैं और काम कर रहे हैं, वे बेहतर बॉन्डिंग का मैनेजमेंट इस समय कर रहे हैं जो न केवल इंटर-पर्सनल रिलेशनशिप के लिए अच्छा होता है, बल्कि गर्भधारण करने पर पति अपनी पत्नी की अच्छी देखभाल करता है और यह उसके लिए आसान होता है। ज्यादातर महिलाएं जब वे प्रेग्नेंट होने में सफल हो जाती हैं, आराम करने और नियमित जांच के बारे में सोचकर बहुत चिंतित होती हैं। महिलाएं अक्सर सोचती हैं कि वे व्यस्त लाइफस्टाइल की वजह से पर्याप्त आराम नहीं कर पाएंगी। अब घर से काम करने के कारण यह समस्या दूर हो जाएगी। अगर वे प्रेग्नेंट होती हैं तो, महिलाएं अपने मनमुताबिक आराम कर सकती हैं।"

सीड्स ऑफ इनोसेंस जेनेस्टीर्स लैब की फाउंडर और आईवीएफ इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ गौरी अग्रवाल ने कहा कि वह इस समय शादीशुदा जोड़ों को गर्भ धारण करने की सलाह देंगी क्योंकि हर कोई घर पर है। जोड़ों के बीच सामंजस्य पहले से काफी बेहतर हो गया है। यहां तक कि आईवीएफ सेंटर ने भी आर्थिक मंदी के कारण अपने रेट में सब्सिडी दी है।

डॉ अग्रवाल ने आगे कहा, “अगर कोई कपल पहली बार गर्भधारण की कोशिश कर रहा है और इसमें उसे कोई परेशानी नही हो रही है तो उसे नेचुरली ही गर्भधारण की कोशिश करनी चाहिए। कुछ केसेस में वे प्टथ् का विकल्प चुन सकते हैं। इकोनोमी के नीचे गिरने के कारण आईवीएफ सेंटर टेस्ट करने के लिए कपल्स में बहुत कम रेट में अपनी सर्विस की सुविधा दे रहे हैं। यह समय प्रेगनेंसी को एन्जॉय करने का बहुत सही समय है क्योंकि कपल्स इस समय साथ में रह रहे हैं और वे इस समय काफी शांत भी रह रहे हैं। वे कपल्स जो वर्किंग क्लास से संबंध रखते हैं उनमें स्ट्रेस कई कारणों की वजह से बढ़ गया है क्योंकि उनके वेतन में कटौतीए काम में बढ़ोत्तरी हुई है और वे घर पर बैठे हुए हैं। लेकिन यह समय अभी भी पहले से बेहतर है क्योंकि इस समय पति पत्नी के बीच की सहानुभूति ;सिम्फोनीद्ध बेहतर हुई है। इसके बारें में तब पता चल रहा है जब कपल्स टेस्ट कराने के लिए सेंटर में आ रहे हैं।“

पारस हॉस्पिटल्सए गुरुग्राम के कंसल्टेंट.ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी डॉ मनप्रीत सोढ़ी ने बताया कि कपल्स को कोविड से पहले इनफर्टिलिटी का अनुभव क्यों होता था।

डॉ सोढ़ी ने कहा, “अगर हम कोरोना से पहले का समय देखें तो हम पाएंगे कि कपल्स के बीच काम करने को लेकर कोई भी संतुलन नही था। हमारी सोसाइटी विकसित हुई है लेकिन प्रेगनेंसी के लिए जो वक़्त चाहिए होता है पहले वह नहीं मिल पाता था। इसलिए ऐसा देखा जाता था कि पति.पत्नी समय पर बच्चा पैदा करने का प्लान नहीं बना पाते थे। क्योंकि उनके ऊपर बहुत ज्यादा काम का प्रेशर होता था। आजकल उन्हें भरपूर टाइम मिल रहा है। वे काम और पर्सनल लाइफ में अच्छा बैलेंस बना पा रहे हैं क्योंकि इस समय वे घर ही रह रहे है। इसलिए यह उनके लिए बहुत अच्छा समय है जो बहुत लम्बे समय से बच्चा पैदा करने के प्लान बना रहे थे। वे गर्भधारण करने का प्रयास इस समय कर सकते हैं।“

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