Pulse Oxymeter: पल्स ऑक्सीमीटर की ज़रूरत किन लोगों को पड़ती है?

Pulse Oxymeter जिन मरीज़ों के लक्षण गंभीर नहीं हैं उन्हें घर पर रहकर इलाज करने की सलाह दी जा रही है। कोरोना के जो मरीज़ घर पर रह हैं उन्हें पल्स ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल ज़रूर करना चाहिए। इससे वे कुछ घटों के अंतराल पर अपना ऑक्‍सीजन स्तर चेक कर सकेंगे।

By Ruhee ParvezEdited By: Publish:Thu, 15 Oct 2020 10:29 AM (IST) Updated:Thu, 15 Oct 2020 10:29 AM (IST)
Pulse Oxymeter: पल्स ऑक्सीमीटर की ज़रूरत किन लोगों को पड़ती है?
कोरोना वायरस स्‍क्रीनिंग और टेस्टिंग प्रोसेस में पल्‍स ऑक्‍सीमीटर की अहम भूमिका है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Pulse Oxymeter Use: कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते हुए मामलों को देख कर दुनिया भर को वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन या इलाज जल्द से जल्द ढूंढ़ने में लगे हैं। दुनिया भर के मेडिकल केयर सिस्टम दिन रात एक कर मरीज़ों की देखभाल में लगा है। वहीं, भारत में भी लोगों को कोरोना की वैक्सीन या दवाई का बेसब्री से इंतज़ार है। हालांकि, ये समझना भी ज़रूरी है कि सफल वैक्सीन मिलने के बाद भी सारी आबादी को मिलने में कम से कम डेढ़ साल लग जाएगा।  

इसलिए तब तक हमें सावधानी ही बरतनी होगी। मास्क पहनना, स्वच्छता बनाए रखना, शारीरिक दूरी बनाना जैसी सावधानी बेहद अहम हो गई है। साथ ही जिन मरीज़ों के लक्षण गंभीर नहीं हैं, उन्हें घर पर रहकर इलाज करने की सलाह दी जा रही है। मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुाबिक, कोरोना के जो मरीज़ घर पर रह हैं, उन्हें पल्स ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल ज़रूर करना चाहिए। इससे वे कुछ घटों के अंतराल पर अपना ऑक्‍सीजन स्तर चेक कर सकेंगे। पल्‍स ऑक्‍सीमीटर काम कैसे करता है और इससे कोरोना मरीज़ों को क्‍या मदद मिलती है, आइए समझते हैं।

क्या है पल्स ऑक्सीमीटर

पल्‍स ऑक्‍सीमीटर एक छोटी सी डिवाइस होती जो मरीज़ की उंगली में फिट की जाती है। इसे मरीज़ की नब्‍ज़ और खून में ऑक्‍सीजन की मात्रा का पता चलता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल सर्जरी के बाद मरीज़ को मॉनिटर करने में होता है। सांस की बीमारियों से जूझ रहे मरीज़ भी इसे घर में रखते हैं। पल्‍स ऑक्‍सीमीटर का डेटा ये बताता है कि मरीज़ को अतिरिक्त ऑक्‍सीजन की ज़रूरत है या नहीं।

कैसे करें इस्तेमाल?

पल्स ऑक्सीमीटर एक क्लिप की तरह होता है, जिसे आप उंगली, कान या पैर के अंगूठे में फंसा सकते हैं। इसके बाद डिवाइस में लगी एक लाइट स्किन के अंदर प्रवेश कर खून में ऑक्सीजन के प्रवाह को डिजिटल स्क्रीन पर दिखाती है। इस पूरी प्रक्रिया में रोगी को किसी तरह का दर्द नहीं होता।

किन लोगों के आएगा काम?

ब्ल्ड ऑक्सीजन लेवल की वजह से होने वाली बीमारियों को मॉनिटर करने में यह बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़ के अलावा अस्थमा, निमोनिया, लंग कैंसर, अनीमिया, हार्ट अटैक या हार्ट फेल जैसी गंभीर समस्याओं के लिए यह उपयोगी होगा।

कोरोना में मददगार साबित हो सकती है ये डिवाइस

कोरोना वायरस स्‍क्रीनिंग और टेस्टिंग प्रोसेस में पल्‍स ऑक्‍सीमीटर की अहम भूमिका है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था कि पोर्टेबल पल्‍स ऑक्‍सीमीटर से कोरोना मरीज़ों का अर्ली डायग्‍नोसिस हो सकता है, जिससे मृत्‍यु-दर कम करने में मदद मिलेगी। एक्‍सपर्ट्स के मुताबिक, पल्‍स ऑक्‍सीमीटर से मरीज़ों में 'कोविड निमोनिया' का पता चलता है। यह बीमारी कोरोना वायरस के गंभीर मरीज़ों में आम है। 

Disclaimer:लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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