Dahi Winter Myths: क्या सर्दी के मौसम में दही पहुंचाता है सेहत को नुकसान? जानें क्या है सच...
Dahi Winter Myths दही खाने में स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर ज़रूर होता है लेकिन आपने भी ज़रूर इससे जुड़े कई मिथक सुने होंगे। जैसे रात के समय दही नहीं खाना चाहिए ठंड के मौसम में दही नहीं खाना चाहिए आदि। आइए आज जानते हैं इन मिथकों की सच्चाई।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Dahi Winter Myths: दही एक हेल्दी प्रोबायोटिक होता है, जिसमें प्रोटीन, विटामिन्स और खनिज पदार्थों की मात्रा उच्च होती है और कार्ब्स की कम। दही को रायते, फ्लेवर्ड दही या फिर छाछ के तौर पर खाने के साथ शामिल करने से आप मील को एंजॉय तो करेंगे ही साथ ही आपके पाचन को भी बढ़ावा मिलेगा। दही चाहे कितना भी पोष्टिक हो, इसे लेकर कई तरह के मिथक सुनने में आते हैं। जैसे कई ऐसे लोग हैं, जो ठंड में दही नहीं खाते, क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है, खासतौर पर रात में। लेकिन क्या सच में सर्दी के मौसम में दही खाना नुकसान पहुंचा सकता है?
न्यूट्रीशनिस्ट्स की मानें तो दही पोषक तत्वों से भरा होता है, जो शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने के लिए गुड बैक्टीरिया देता है। साथ ही इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन-बी2 और बी12 की भी अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर को हर मौसम में हेल्दी रखने का काम करते हैं।
तो आइए जानें सर्दियों में दही से जुड़े मिथकों का सच
पहला मिथक: सर्दी में दही खाने से खांसी-ज़ुकाम हो सकता है।
सच: दही खाने के साथ या फिर मीठे के तौर पर खाने के लिए बेस्ट फूड है, फिर मौसम ठंड का ही क्यों न हो। दही में प्रोबायोटिक और विटामिन्स होते हैं, जो इम्यून सिस्टम में सुधार करते हैं। लेकिन, फ्रिज से फौरन निकालकर दही न खाएं, खाने से पहले इसे कुछ घंटों के लिए बाहर रहने दें।
दूसरा मिथक: बच्चों को ठंड में दही नहीं खिलाना चाहिए।
सच: इम्यूनिटी को ताकत देने के लिए दही एक बेहतरीन फूड है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और यह वाइट ब्लड सेल्स संश्लेषण को भी बढ़ावा देता है। इसलिए, बच्चों को दही ज़रूर खिलाना चाहिए। बस ध्यान रखें कि वह फ्रिज से निकला न हो। आप दही को टेस्टी और हेल्दी बनाने के लिए इसमें फल और सब्ज़ियों को भी शामिल कर सकती हैं।
तीसरा मिथक: रात में दही नहीं खाना चाहिए।
सच: यह एक मिथक है। रात के खाने के साथ दही खाना अच्छा होता है। इससे आपके पेट को भी आराम मिलता है। इसके सेवन से दिमाग में ट्रिपटोफेन नाम का अनोखा अमीनो एसिड रिलीज़ होता है, जो मस्तिष्क को शांत कर सोचने में मदद करता है।
चौथा मिथक: स्तनपान में दही के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इससे मां और बच्चे दोनों को सर्दी लग सकती है।
सच: यह सच नहीं है। स्तनपान के ज़रिएं बच्चे तक सिर्फ पोषक तत्व ही पहुंचते हैं, सर्दी या किसी तरह का इन्फेक्शन नहीं क्योंकि ब्रेस्टमिल्क इम्युनोग्लोबुलिन से भरपूर होता है। दही में मौजूद एक्टिव बैक्टीरिया बीमारी का कारण बनने वाले कीटाणुओं से लड़ने हैं और पाचन में सुधार करते हैं। स्तनपान कराने वाली महिलाएं कैल्शियम और प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए डाइट में दही या रायता ले सकती हैं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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