सदर अंचल इंस्पेक्टर प्रेम मोहन प्रसाद मेहता निलंबित

जागरण संवाददाता, चाईबासा : खाकी वर्दी को दागदार करने वाले पश्चिम ¨सहभूम के चाईबासा सदर अंच

By JagranEdited By: Publish:Sun, 04 Jun 2017 02:45 AM (IST) Updated:Sun, 04 Jun 2017 02:45 AM (IST)
सदर अंचल इंस्पेक्टर प्रेम मोहन प्रसाद मेहता निलंबित
सदर अंचल इंस्पेक्टर प्रेम मोहन प्रसाद मेहता निलंबित

जागरण संवाददाता, चाईबासा : खाकी वर्दी को दागदार करने वाले पश्चिम ¨सहभूम के चाईबासा सदर अंचल के इंस्पेक्टर प्रेम मोहन प्रसाद मेहता को 24 घंटे के अंदर निलंबित कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक अनीश गुप्ता ने इंस्पेक्टर के निलंबन की अनुशंसा की थी। इसके आधार पर कार्रवाई की गई है। वहीं मामले के आइओ नंदकिशोर ¨सह के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) जमशेदपुर की टीम ने इंस्पेक्टर प्रेम मोहन प्रसाद मेहता को शुक्रवार की दोपहर 18 हजार रुपये नकद घूस लेते गिरफ्तार किया था।

क्या है आरोप

इंस्पेक्टर पर आरोप है कि दुर्घटना से जुड़े एक मामले में नामजद मंझारी थाना क्षेत्र के भरभरिया गांव निवासी शैलेश केसरी का नाम हटाने के बदले इंस्पेक्टर की ओर से 20 हजार रुपये की मांग की गई थी। काफी मान-मनौव्वल के बाद इंस्पेक्टर 18 हजार रुपये लेकर नाम हटाने पर राजी हुए थे। शैलेश ने इस मामले में एसीबी जमशेदपुर के पुलिस अधीक्षक का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद मामले की जांच कर शिकायत सही मिलने पर एसीबी जमशेदपुर की टीम पिछले 72 घंटे से जाल बिछाकर इंस्पेक्टर की निगरानी कर रही थी। शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे इंस्पेक्टर अपने कार्यालय में शिकायतकर्ता से पैसे स्वीकार कर रहे थे। इसी दौरान एसीबी की टीम ने मौके पर पहुंचकर उन्हें दबोच लिया।

क्या था पूरा मामला

शिकायतकर्ता मंझारी थाना क्षेत्र के भरभरिया गांव निवासी शैलेश केसरी ने बताया कि 30 अप्रैल 2017 को भरभरिया गांव में ट्रैक्टर से दबकर शंकर सोय नामक व्यक्ति की मौत हो गई थी। उस दौरान मृतक के परिजनों ने शैलेश केसरी के नाम पर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसी मामले से शैलेश केसरी का नाम हटाने के लिए सदर अंचल इंस्पेक्टर प्रेम मोहन मेहता एवं आईओ नंदकिशोर ¨सह ने 20 हजार रुपये की मांग की थी। लेकिन शैलेश केसरी ने 20 हजार रुपये देने में असमर्थता जताई। इंस्पेक्टर की ओर से लगातार दबाव बनाए जाने के बाद उन्होंने इस मामले में एसीबी से शिकायत की। इस बीच इंस्पेक्टर 18 हजार रुपये पर मान गए। जिसके बाद मानवाधिकार कार्यकर्ता साधुचरण ¨सह कुंटिया की मदद से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के जमशेदपुर कार्यालय में मामले की शिकायत दर्ज कराई गई थी।

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