आशा देवी हत्याकांड का उद्भेदन पुलिस के लिए चुनौती

संवाद सहयोगी मेहरमा(गोड्डा) आशा देवी हत्याकांड का उद्भेदन पुलिस के लिए चुनौती बनी हुइ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Jan 2022 04:49 PM (IST) Updated:Wed, 05 Jan 2022 04:49 PM (IST)
आशा देवी हत्याकांड का उद्भेदन पुलिस के लिए चुनौती
आशा देवी हत्याकांड का उद्भेदन पुलिस के लिए चुनौती

संवाद सहयोगी, मेहरमा(गोड्डा) : आशा देवी हत्याकांड का उद्भेदन पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। थानो से महज कुछ दूर हुई घटना में महिला की चाकू घोंपकर हत्या की गई थी। इससे एक और जहां स्वजनों में रोष व्याप्त है। वहीं ग्रामीण भयभीत हैं। क्षेत्र के लोग अपने आप को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। लोगों का कहना है कि थाने के नजदीक जब ऐसा हो सकता है, तो सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों की क्या स्थिति होगी। इसकी कल्पना ही की जा सकती है। मंगलवार की देर शाम दुमका से केसी डाग को भी बुलाया गया। वह घटनास्थल के नजदीक ही घूम कर रह गया। उसके साथ आए अधिकारियों ने बताया कि इससे कुछ स्पष्ट संकेत नहीं मिल पाया। हालांकि अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शिव शंकर तिवारी ने जल्द ही मामले का उद्भेदन कर लेने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा है कि पुलिस हर पहलू से मामले की गंभीरता से जांच पड़ताल कर रही है।

बीते करीब एक माह से आशा देवी बनौधा स्थित अपने मायके में रह रही थी। करीब 20 वर्ष पहले उसकी शादी कसबा गांव के मनोज पासवान से हुई थी। उसे तीन बेटी तथा एक बेटा है। बेटा की शादी हो चुकी है। करीब एक वर्ष पहले मानगढ़ गांव के मोहम्मद इसराइल के साथ प्रेम प्रसंग में वह घर से फरार हो गई थी। मनोज ने इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस से की थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को बरामद कर लिया था। समझा-बुझाकर दोनों को अपने अपने घर भेज दिया था। 10 दिन बाद पुन: आशा अपने कथित प्रेमी मोहम्मद इसराफिल के साथ फरार हो गई। बीते कुछ दिनों से दोनों कहलगांव (भागलपुर) में भाड़े के मकान में रह रहे थे। करीब एक माह पूर्व आशा को उसकी मां ने उसे कहलगांव से बनौधा गांव लाया था। तब से आशा अपनी मां के साथ मायके में ही रह रही थी। मृतका के पिता बास्की पासवान ने उसके कथित प्रेमी मोहम्मद इजराफिल के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पुलिस अवर निरीक्षक जितेंद्र कुमार वर्मा व प्रवीण मोदी ने आरोपित के मानगढ़ स्थित घर पर धावा बोला था। जितेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि बीते करीब पांच-छह माह से इसराफिल के गुजरात में मजदूरी करने की जानकारी मिल रही है। ऐसे में मामले का उद्भेदन करना पुलिस के लिए और भी पेंच हो गया है। स्वजन व ग्रामीण हत्यारोंपितों की अविलंब गिरफ्तार होने की उम्मीद लगाए बैठी है।

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