हेमंत सोरेन ने ED को बंद लिफाफे में क्या लिखकर भेजा? जांच एजेंसी को इन सवालों का नहीं मिला जवाब

जमीन घोटाले मामले में सातवें समन का जवाब हेमंत सोरेन ने ईडी को भिजवा दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय के कर्मचारी ने बंद लिफाफे में जवाब कार्यालय में पहुंचाया। मुख्यमंत्री से सातवें समन में ईडी ने पूछताछ के लिए जगह तिथि व समय बताने के लिए लिखा था ताकि पूछताछ की जा सके लेकिन मुख्यमंत्री ने जो जवाब भेजा है उसमें जगह तिथि व समय का जिक्र नहीं है।

By Dilip Kumar Edited By: Publish:Tue, 02 Jan 2024 06:06 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jan 2024 06:06 PM (IST)
हेमंत सोरेन ने ED को बंद लिफाफे में क्या लिखकर भेजा? जांच एजेंसी को इन सवालों का नहीं मिला जवाब
हेमंत सोरेन ने ED को बंद लिफाफे में क्या लिखकर भेजा? जांच एजेंसी को इन सवालों का नहीं मिला जवाब

HighLights

  • CMO के कर्मचारी ने ED ऑफिस में पहुंचाया बंद लिफाफे में CM का जवाब
  • ED के 7वें समन को बताया गैरकानूनी, मीडिया ट्रायल का भी लगाया आरोप

राज्य ब्यूरो, रांची। जमीन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अनुसंधान कर रही ईडी के सातवें नोटिस (समन) का जवाब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी को भिजवा दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के कर्मचारी ने मंगलवार की दोपहर बंद लिफाफे में मुख्यमंत्री का जवाब ईडी कार्यालय में पहुंचाया।

मुख्यमंत्री से सातवें समन में ईडी ने पूछताछ के लिए जगह, तिथि व समय बताने के लिए लिखा था, ताकि पूछताछ की जा सके, लेकिन मुख्यमंत्री ने जो जवाब भेजा है। उसमें जगह, तिथि व समय का कोई जिक्र नहीं है। मुख्यमंत्री ने सातवें समन को गैरकानूनी बताया है।

उन्होंने ईडी पर मीडिया ट्रायल कराने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्हें समन मिलने से पहले मीडिया में समन की बातें चली जाती हैं। ऐसा उनकी छवि को धूमिल करने व सरकार को अस्थिर करने के लिए किया जा रहा है। ईडी सूत्रों की मानें तो अब सीएम को आगे कोई मौका नहीं दिया जाएगा। ईडी बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है।

ED ने CM को 29 दिसंबर को किया था 7वां समन

ईडी ने सीएम को 29 दिसंबर को सातवां समन किया था। पूर्व में ईडी ने उन्हें 14 अगस्त को पहला, 24 अगस्त को दूसरा, नौ सितंबर को तीसरा, 23 सितंबर को चौथा, चार अक्टूबर को पांचवा व 12 दिसंबर को छठा समन किया था। इन सभी छह समन पर जब मुख्यमंत्री ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे तो ईडी ने उन्हें 29 दिसंबर को नोटिस भेजकर

उसे सातवां व आखिरी समन बताते हुए सीएम से ही पूछा था कि वे पूछताछ के लिए दो दिनों के भीतर स्वयं जगह, तिथि व समय बताएं, सात दिनों में पूछताछ पूरी कर लेनी है। दो दिनों की अवधि तो 31 दिसंबर को ही समाप्त हो गई थी। उन्होंने दो जनवरी को ईडी के सातवें समन का जवाब भेजा और उसे गैरकानूनी बताया है।

ED ने किया स्पष्ट, जमीन घोटाले में की जानी है पूछताछ

ईडी ने सातवें समन में यह स्पष्ट किया है कि जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानू प्रताप प्रसाद के ठिकाने से बरामद दस्तावेज से कुछ ऐसी जमीन के बारे में जानकारी मिली है, जिसमें मुख्यमंत्री से पूछताछ आवश्यक है।

भानु प्रताप प्रसाद के मोबाइल व आरोपितों से पूछताछ में भी मुख्यमंत्री की भूमिका जांच के घेरे में है। ईडी ने यह भी स्पष्ट किया है कि पीएमएलए की धारा 50 के तहत उन्हें समन किया गया है, जिसमें उनका बयान अति आवश्यक है।

ED के समन को राजनीति से प्रेरित बता चुके हैं CM

पूर्व में मुख्यमंत्री ने समन का जवाब भी ईडी को दिया था। उन्होंने पूर्व में भी ईडी के समन को केंद्र के इशारे पर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी कहा था कि जनता की चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिए, दुर्भावना से ग्रसित होकर, राजनीति से प्रेरित होकर ईडी काम कर रही है।

उन्होंने एक साल पहले ही अपनी संपत्ति का ब्यौरा ईडी को दे दिया था। एक साल तक ईडी को उनके दस्तावेज में कोई कमी मिलता तो ईडी उनसे उस मामले में पत्राचार करती व जानकारी मांगती, लेकिन ईडी ने ऐसा नहीं किया। अब एक साजिश के तहत समन किया जा रहा है।

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