हम अनंत प्रकाश के अंग हैं : ईश्वरानंद गिरि

रांची : सांस को देखते रहें, उसे नियंत्रित न करें, मुक्त छोड़ दें.। सांस को मन से देखते रह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jun 2018 01:21 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jun 2018 01:21 AM (IST)
हम अनंत प्रकाश के अंग हैं : ईश्वरानंद गिरि
हम अनंत प्रकाश के अंग हैं : ईश्वरानंद गिरि

रांची : सांस को देखते रहें, उसे नियंत्रित न करें, मुक्त छोड़ दें.। सांस को मन से देखते रहें..जैसे कोई और सांस को देख रहा हो..साक्षी भाव से। मन को स्वांस के साथ बांध लेना है..रविवार को योगदा सत्संग मठ के ध्यान कक्ष में सैकड़ों लोग यह क्रिया कर रहे थे। रांची विवि के वीसी रमेश कुमार पांडेय से लेकर चैंबर के पूर्व अध्यक्ष विकास सिंह तक। शहर के अन्य गणमान्य भी यहां मौजूद थे और ध्यान की गहरी प्रक्रिया को सीख रहे थे। योगदा मठ के स्वामी ईश्वरानंद गिरि ध्यान योग-क्रिया योग के बारे में जानकारी दे रहे थे। फिर अभ्यास शुरू हुआ..चारों तरफ गहरी शांति।

ईश्वरानंद गिरि बता रहे थे, ईश्वर के किसी एक स्वरूप पर ध्यान लगाएं। स्थिर बैठें। ईश्वर का ध्यान प्रकाश के रूप करें। इसे मानस दर्शन कहते हैं। मन से ईश्वर के स्वरूप का दर्शन करें। कल्पना करें, आपके पास स्वर्णिम प्रकाश फैल रहा है..आप उससे ओतप्रोत हो रहे हैं..फिर दुनिया इस प्रकाश से आप्लावित हो रही है..महसूस करें, हम अनंत प्रकाश के अंग हैं। हम शरीर नहीं हैं..। ध्यान में श्रद्धालु गहरे उतर रहे थे। सांस को देख रहे थे। उसकी गति को देख रहे थे। उसके आवागमन पर एकाग्रचित्त होकर ध्यान लगाए थे। आम और खास सभी। ध्यान के बाद प्रश्नोत्तर सत्र चला। कई साधकों ने अपनी जिज्ञासाएं प्रकट कीं। क्रिया योग क्या है? ध्यान में उतरने पर शांति का एहसास तो होता है, आनंद महसूस नहीं होगा? ध्यान के समय नींद आ जाती है? योग करने की सही उम्र क्या है? बच्चे भी कर सकते हैं? इस तरह के अनेक प्रश्न आए और स्वामीजी ने जवाब दिया। ध्यान कब, कैसे करें, इस बारे में बताया। 12 साल की उम्र से ध्यान कर सकते हैं। ध्यान में बैठने की क्रिया ठीक होनी चाहिए। क्रिया योग के बारे में गुरुदेव के कई पाठ हैं। उसे ध्यान से पढ़े और करें। शांति और मंगल कामना के साथ इसका समापन हुआ। इस तरह दस बजे से 12 बजे तक कार्यक्रम चला और इसके बाद प्रसाद का वितरण किया गया। पुस्तकों का स्टाल भी लगा था, जिस पर 25 प्रतिशत की छूट दी जा रही थी।

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