धर्मातरित को एसटी का जाति प्रमाणपत्र देने का जनजातीय सुरक्षा मंच करेगा विरोध

धर्मातरित आदिवासी को अनुसुचित जनजाति का जाति प्रमाण पत्र देने का जनजातीय सुरक्षा मंच विरोध करेगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 04:44 AM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 06:22 AM (IST)
धर्मातरित को एसटी का जाति प्रमाणपत्र देने का जनजातीय सुरक्षा मंच करेगा विरोध
धर्मातरित को एसटी का जाति प्रमाणपत्र देने का जनजातीय सुरक्षा मंच करेगा विरोध

जागरण संवाददाता, रांची : धर्मातरित आदिवासी को अनुसुचित जनजाति का जाति प्रमाण पत्र देने एवं उन्हें मिल रहे आरक्षण का जनजातीय सुरक्षा मंच विरोध करेगा। इसके लिए 21 अक्टूबर को गुमला, 23 को दुमका एवं 24 अक्टूबर को चाईबासा में वनवासियों की सभा होगी। बाद में राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। इस संबंध में जनजातीय सुरक्षा मंच के गुमला प्रभारी मुनि उरांव, अंगनु उरांव, खेदू नायक, धीरज गोप व मिशिर कुजूर ने सामूहिक रूप से कहा कि गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा क्षेत्र के जनजातीय बंधुओं का एक धरना प्रदर्शन कार्यक्रम अलबर्ट एक्का स्टेडियम गुमला में 21 अक्टूबर को 11.00 बजे से आयोजित की जाएगी। इस क्षेत्र के जनजातीय समुदाय की माग है कि जो जनजातीय जीवन पद्धति धर्म संस्कृति आदि का आचरण नहीं करते उसे जनजातीय समाज की सुविधा नहीं मिलनी चाहिए। कहा, राची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा व खूंटी सहित राज्य के कई जिलों में कई जनजातीय महिला व पुरुष ईसाई व इस्लाम धर्म तथा अन्य धर्म का अनुसरण कर रहे हैं और जनजातीय समाज के लिए भारतीय संविधान में जो व्यवस्था है उसका दोहरा लाभ अल्पसंख्यक व जनजाति दोनों के रूप में ले रहे हैं। यह एक प्रकार से जनजातीय समाज का शोषण है। कहा, लोगों में जागरूकता लाने एवं सरकार पर दबाव बनाने के लिए राज्य में तीन स्थानों पर रैली की जा रही है। रैली के माध्यम से इस विषय पर लोगों में जागरूकता लाई जाएगी। ज्ञातव्य हो कि क्षेत्र के सासद रहे एवं जनजातीय समाज के बड़े नेता कार्तिक उराव ने 40 वर्ष पूर्व पहले इस विषय को संसद में उठाया था। 250 से अधिक सासदों से उन्होंने इस ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी लिया था, परंतु किसी कारण से यह विषय दब सा गया। अब आवश्यकता है कि घर- घर जाकर इस विषय पर जागरूकता लाई जाए और जनजातीय समाज को बचाया जाए।

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