Supreme Court की अनुमति के बिना जारी नहीं होगा 'सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा' का रिजल्ट, अदालत ने जारी किए निर्देश

शुक्रवार को सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट जारी करने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। अदालत में झारखंड शिक्षक पात्रता (जेटेट) पास अभ्यर्थी परिमल कुमार एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई की गई और सुनवाई के दौरान अदालत ने झारखंड सरकार व जेएसएससी से सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना परिणाम जारी नहीं करने का निर्देश दिया।

By Manoj Singh Edited By: Shoyeb Ahmed Publish:Fri, 26 Apr 2024 11:53 PM (IST) Updated:Fri, 26 Apr 2024 11:53 PM (IST)
Supreme Court की अनुमति के बिना जारी नहीं होगा 'सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा' का रिजल्ट, अदालत ने जारी किए निर्देश
सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट जारी करने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक (File Photo)

HighLights

  • हिंदी शिक्षक के लिए शनिवार से शुरू हो रही परीक्षा
  • इस मामले में अगली सुनवाई जुलाई के पहले सप्ताह में होगी

राज्य ब्यूरो, रांची। Supreme Court Ban On Assistant Professor Appointment Exam Result: सुप्रीम कोर्ट ने सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा का परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी है। शुक्रवार को जस्टिस जेके महेश्वरी एवं जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ में झारखंड शिक्षक पात्रता (जेटेट) पास अभ्यर्थी परिमल कुमार एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान अदालत ने झारखंड सरकार और जेएसएससी से कहा कि सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना परिणाम जारी नहीं किया जाए। यह मामला अभी अदालत में विचाराधीन है इसलिए बिना अनुमति परिणाम जारी करने पर रोक रहेगी।

मामले की अगली सुनवाई जुलाई के पहले हफ्ते में होगी

इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई के पहले सप्ताह में होगी। सहायक आचार्य के लिए हिंदी की परीक्षा शनिवार से शुरू हो रही है।

सुप्रीम कोर्ट में जेटेट पास अभ्यर्थियों ने एसएलपी दाखिल कर झारखंड हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है और इसमें हाई कोर्ट ने सीटेट और दूसरे राज्यों से टेट पास अभ्यर्थियों को भी सहायक आचार्य परीक्षा में शामिल करने का निर्देश दिया है।

प्रार्थी के वकील ने कोर्ट में ये बताया

प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण एवं अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि झारखंड की क्षेत्रीय भाषा संथाली, खोरठा आदि का ज्ञान जेटेट अभ्यर्थियों के पास है। उन्होंने इसकी परीक्षा दी है। सीटेट अभ्यर्थियों के पास क्षेत्रीय भाषा के रूप में हिंदी या अंग्रेजी विषय का ही ज्ञान है।

जब सीटेट शिक्षकों की नियुक्ति झारखंड के प्राथमिक स्कूलों में होगी, तो उन्हें झारखंड की भाषा में बच्चों को शिक्षा देने में परेशानी होगी। यह शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन भी होगा। झारखंड हाई कोर्ट को इस तरह के नीतिगत मामलों में निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। यह अधिकार केवल संसद के पास है।

झारखंड हाईकोर्ट ने ये कहा था

झारखंड हाई कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि अगर सीटेट अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो जाती है तो उन्हें प्रथम प्रयास में ही जेटेट परीक्षा पास करनी होगी।

अगर झारखंड सरकार तीन साल तक जेटेट परीक्षा आयोजित नहीं करती है तो अभ्यर्थियों पर यह शर्त लागू नहीं होगी। अभ्यर्थियों को सहायक आचार्य परीक्षा की तैयारी के लिए तीन माह का समय दिया जाएगा।

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