Jharkhand: शादी में आई नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले 2 दरिंदों को उम्रकैद, 30 हजार जुर्माना...

Jharkhand News Ranchi POCSO Special Court नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में दो दोषियों को रांची की पॉक्‍सो विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोनों दोषियों पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 11:20 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 07:08 AM (IST)
Jharkhand: शादी में आई नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले 2 दरिंदों को उम्रकैद, 30 हजार जुर्माना...
Jharkhand News, Ranchi POCSO Special Court बिनोद महली एवं बल्टर केरकेट्टा को पोक्सो विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा दी।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News, Ranchi POCSO Special Court शादी समारोह में जा रही नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने के मामले में दोषी करार अभियुक्त बिनोद महली एवं बल्टर केरकेट्टा को पोक्सो की विशेष अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माने की राशि नहीं देने पर दोनों को अतिरिक्त डेढ़ साल जेल काटनी होगी। अदालत ने दोनों को 20 फरवरी को दोषी करार दिया था। 23 मई 2018 को इस घटना को अंजाम दिया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी एके राय ने छह गवाही दर्ज कराई थी। जबकि बचाव पक्ष ने एक गवाह को उतारा था।

यह है मामला

पीड़िता अपने दोस्त अभिषेक खलको के साथ गांव के ही एक शादी समारोह में जा रही थी। रास्ते में पेड़ की आड़ में छुपे दोनों अभियुक्त बिनोद एवं बल्टर ने नाबालिग को रोक लिया और जबरदस्ती करने लगे। नाबालिग के दोस्त अभिषेक खलको ने विरोध किया तो अभियुक्त बिनोद महली उसे चाकू की नोक पर रेलवे लाइन ले गया। इसके बाद बल्टर केरकेट्टा ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद पीड़िता को धमकी दिया कि किसी को घटना की जानकारी दी तो जान से हाथ धोना पड़ेगा।

लेक्चरर नियुक्ति नियमावली मामले में विश्वविद्यालयों से मांगा जवाब

झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में लेक्चरर की नियुक्ति के लिए सरकार की ओर से बनाई गई नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में राज्य की सात विश्वविद्यालयों से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी। इस संबंध में डॉ तसलीम आरिफ ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

सुनवाई के दौरान कहा गया कि सरकार लेक्चरर नियुक्ति के लिए नियमावली नहीं बना सकती है। यह उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। नियमावली बनाने का अधिकार विश्वविद्यालय के पास है। ऐसे में सरकार की नियुक्ति नियमावली को रद कर देना चाहिए। इस मामले में जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल व प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि सरकार की अधियाचना के आधार पर ही नियुक्ति प्रक्रिया की जा रही है।

यह सरकार का मामला है। इस पर अदालत ने रांची विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विश्वविद्यालय, सिदो कान्हू विश्वविद्यालय, विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय, नीलांबर-पितांबर विश्वविद्यालय और श्याम प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय से जवाब मांगा है।

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